जानें कहा से आया महिलाओं में चूड़ियां पहनने का रिवाज, पढ़े ये बड़ा राज

कहा जाता है की भारतीय महिलाए अपने पति के लिए श्रंगार करती है और जब वे श्रंगार करती है तब वे और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती है जिसमे की वे श्रंगार में बिंदी, गहने, नए नए वस्त्र और नई नई चूडिया पहनती है क्या आपको पता है की महिलाओं में चूडिया पहनने का रिवाज़ क्यों है ऐसा हम आपको बताते है। महिलाओं में चूडिया पहनने का रिवाज़ इसलिए है। क्योंकि ऐसी प्राचीन मान्यता है की महिलाओं को कांच की चूडिया पहनना शुभ माना जाता है  कांच की चूडिया पहनने से उनके पति और उनके बच्चे का स्वास्थ ठीक रहता है और तो और जब वो चूडिया बदलती है तो ऐसे बदलती है की उनके हाथ खाली नहीं रहते कम से कम उनके हाथ में एक न एक चूड़ी जरुर रहती है ऐसा सिर्फ कुछ ही धर्मो में माना जाता है।
चूडियो का श्रंगार नव – विवाहित स्त्री की शोभा बढ़ाती है। चूडियो को फेशन के लिए भी इस्तेमाल करते है। चूड़ी पहनने की परम्परा  इतनी पुरानी है की ये परंपरा देवी देवताओं के जमाने से चली आ रही है। इसलिए यह चूडिया देवी- देवताओं को चढाते है और अपने सुहाग के लम्बी उम्र के लिए प्राथना करते है। भारत में महिलाओं में चूड़ी को अधिक मान्यता दी गई है। भारत में महिलाए अपने पति के लिए चूड़ी पहनती है यही उनका श्रंगार है यह चूड़ी महिलाओं के सुहाग की निशानी होती है। भारत के पंजाब शहर में माहिलाये अपने विवाह के दिन लाल जोड़े और लाल चूडियो से श्रृंगार करती है।

जिस लड़की के शरीर में होते हैं ये 6 निशान, सिर्फ वही होती हैं सबसे ज्यादा सौभाग्यशाली

अगर आप कभी पश्चिम बंगाल जायेगे तो आपको चूडियो का एक अलग ही नज़ारा देखने को मिलेगा, यहाँ की औरते दो प्रकार की चूड़ी पहनती है जिसे शाखा और पौला कहते है शाखा का रंग सफ़ेद होता है और पौला का रंग लाल होता है यहाँ की महिलाए आमतौर पर लाख की बनी चूडिया पहनती है ये चूडिया सोना और चांदी से भी ज्यादा महंगी होती है। ज्योतिष के हिसाब से ऐसा माना जाता है की महिलाओं को कांच की चूडिया पहनने से और उनकी आवाज़ से नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती है।

Back to top button