जेबकतरों के साथ जेल में गुजरी गायत्री की पहली रात

पांच साल तक सत्ता का केंद्र बिंदु रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को जेल में पहली रात चोरों और जेबकतरों के साथ बितानी पड़ी। उसे मुलाहिजा बैरक में छुटभैये गुंडे-बदमाशों के साथ रखा गया। जेल में सुविधा और सिफारिश के लिए एमएलसी-विधायक पहुंचे लेकिन किसी की न चली। सपा सरकार के एक कद्दावर नेता ने गायत्री को बीमार बताते हुए अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 
जेबकतरों के साथ जेल में गुजरी गायत्री की पहली रात
जेल प्रशासन ने किसी की भी गायत्री से मुलाकात कराने तक से इन्कार कर दिया। घंटों प्रयास के बाद भी मुलाकात न होने पर दिग्गज नेता उतरा हुआ चेहरा लेकर लौट गए। पुलिस टीम दोपहर लगभग सवा बारह बजे गायत्री को लेकर जेल पहुंची। पुलिस जीप के पीछे-पीछे गायत्री के करीबी और समर्थक लग्जरी कारों से गए। यहां समर्थकों ने गायत्री से मिलने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें धकिया दिया।

वीआईपी ट्रीटमेंट की स‌िफार‌िश को पहुंचे नेता

गायत्री के बेटे अनिल के अलावा प्रतापगढ़ के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, सीतापुर के एमएलसी आनंद भदौरिया, उन्नाव के एमएलसी सुनील सिंह साजन, हमीरपुर के एमएलसी रमेश मिश्रा, सुल्तानपुर के एमएलसी शैलेंद्र सिंह, सुल्तानपुर के जिला सहकारी बैंक के सभापति धर्मेंद्र सिंह, पूर्व विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह सहित कई बड़े नेता उससे मिलने पहुंचे लेकिन जेल प्रशासन ने गेट पर ही रोक दिया। 

कुछ नेताओं ने जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिलाने के लिए सिफारिश भी की। एक व्यक्ति ने अपना परिचय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निजी सचिव के रूप में दिया। करीब साढ़े बारह बजे गायत्री को जेल में दाखिल कराकर पुलिस लौट गई। भीतर जेल प्रशासन ने गायत्री की सघन तलाशी ली। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि तलाशी के दौरान गायत्री के कपड़े तक उतरवा दिए गए। गायत्री ने जेल अधिकारियों से हाथ जोड़कर मिन्नतें कीं पर तलाशी को जरूरी बताकर उसे चुप करा दिया गया। 

हालांकि, अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। दोपहर करीब एक बजे जेल के नियमों के मुताबिक पूर्व मंत्री गायत्री को मुलाहिजा बैरक भेज दिया गया। यहां गायत्री अगले दस दिन तक एक आम बंदी की तरह रहेगा। उसके साथ जेबकतरी, चोरी, मारपीट, छिनैती के अलावा छोटे-मोटे अपराध में बंद 50 से ज्यादा गुंडे-बदमाश रहेंगे।

फर्श पर लेटा, दो रोटी खाई

गायत्री आम बंदियों के साथ फर्श पर सोया। दोपहर को उसने खाना नहीं खाया। रात के खाने में उसे मसूर की दाल और आलू व पत्ता गोभी की सब्जी दी गई। गायत्री ने अधिकारियों के समझाने पर सिर्फ दो रोटियां खाईं। गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में पूर्व मंत्री के साथ आरोपी अमेठी का लेखपाल अशोक तिवारी, निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश, बिजनेस पार्टनर विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह और कानपुर का आशीष शुक्ला भी बैरक में बंद हैं। 

बैरक में घुसते ही पांचों ने गायत्री का स्वागत किया। हालांकि, गायत्री की हालत खराब थी और उसका चेहरा उतरा था। साथियों ने उसे हिम्मत बंधाई। सत्ता बदलने और राजनीतिक साजिश का खुलासा होने की बात कहकर उसे समझाया। पुलिस के पास मजबूत साक्ष्य न होने के चलते जल्द जमानत होने की बात भी कही। साथियों की बातों से गायत्री कुछ आश्वस्त हुआ। इस दौरान वह साथियों से जेल में ले-देकर सुविधाओं के बारे में पूछताछ करता रहा।

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