जेटली v/s जेठमलानी: केजरीवाल पर 10 करोड़ का एक और मानहानि केस

नई दिल्ली. अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर 10 करोड़ की मानहानि का एक और केस दायर किया है। जेटली ने डीडीसीए से जुड़े मामले में केजरीवाल के खिलाफ पहले से ही 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। बीते बुधवार सुनवाई के दौरान जेटली और केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बीच तल्ख बहस हुई थी। जेठमलानी ने जेटली को अापत्तिजनक शब्द कहे थे। इससे जेटली गुस्सा हो गए थे। इसी के बाद सोमवार को उन्होंने नया केस दायर किया। बता दें कि यह मामला जेटली बनाम जेठमलानी होता जा रहा है। पिछली सुनवाई में जब जेठमलानी ने तल्ख टिप्पणियां की थीं तो जेटली के वकीलों ने कहा था कि यह मामला जेटली v/s केजरीवाल है। इसे जेटली v/s जेठमलानी बनाया जा रहा है। कोर्ट ने भी जताई थी नाराजगी…
जेटली v/s जेठमलानी: केजरीवाल पर 10 करोड़ का एक और मानहानि केस
 
– पिछली सुनवाई में जेठमलानी की ओर से जेटली को आपत्तिजनक शब्द कहने पर कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी।
– दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने कहा है तो इस मामले में बहस को आगे लेने जाने का कोई फायदा नहीं है। पहले केजरीवाल आकर अपने आरोपों पर बयान दें।
– जेटली के वकील राजीव नायर और संदीप सेठी ने कोर्ट से कहा था कि वह केजरीवाल की तरफ से जानना चाहते हैं कि आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने के लिए उन्होंने कहा था या यह जेठमलानी की तरफ से कहे गए हैं?
– राजीव ने कहा था कि अगर केजरीवाल ने सीनियर वकील को गलत टिप्पणी करने को कहा है तो फिर 10 करोड़ का एक और मानहानि का केस दायर किया जाएगा।

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क्या केजरी के कहने पर ऐसा कर रहे हैं: जेटली
– बुधवार को कोर्ट में जब जेटली और जेठमलानी के बीच तीखी बहस चल रही थी तो नाराज जेटली ने जेठमलानी से पूछा था- क्या आप केजरीवाल के कहने पर मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं? नफरत की भी कोई लिमिट होती है।

– जेठमलानी ने इस पर कहा था- उनसे बात करके ही ये सब कह रहा हूं। हालांकि, केस की शुरूआत में केजरी के लिए पैरवी करने वाले वकील अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे कभी ऐसा करने के लिए नहीं कहा गया था।
– जेठमलानी के इस बयान पर जस्टिस मनमोहन ने उन्हें फटकार लगाई।
– उन्होंने कहा कि जब पहले ही मानहानि का केस चल रहा है, तब ऐसी भाषा का इस्तेमाल करके किसी को बेइज्जत नहीं किया जा सकता।
– कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा ही किसी रेप के केस में हुआ होता तो यह विक्टिम को तकलीफ देने के बराबर होता? इसके बाद कोर्ट ने कहा कि विक्टिम के वकील इस मामले में दूसरा केस भी कर सकते हैं।
 
केस जेठमलानी v/s जेटली नहीं
– जेठमलानी ने कहा था- ”डीडीसीए में गड़बड़ियों को लेकर लिखा मेरा एक आर्टिकल फाइनेंस मिनिस्टर के कहने पर मैगजीन ने नहीं छापा। क्योंकि इस दौरान जेटली क्रिकेट बॉडी के प्रेसिडेंट थे।”
– इस सवाल को रजिस्ट्रार दीपाली शर्मा ने खारिज कर दिया। क्योंकि कोर्ट ने पहले ही इस आर्टिकल को गैरजरूरी माना था, जो केस से ताल्लुक नहीं रखता। जेठमलानी फिर भी अपनी बात पर अड़े रहे।
– जेटली के वकीलों ने कहा- ”जेठमलानी रंजिशन ऐसे सवाल पूछ रहे हैं। जो केस से इत्तेफाक नहीं रखते, इन्हें रोका जाना चाहिए। क्योंकि केस अरुण जेटली V/S अरविंद केजरीवाल है, ना कि राम जेठमलानी V/S जेटली।”
 
15 मई को सुनवाई में क्या हुआ?
– 15 मई को हुई सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने जेटली से पूछा था- ”क्या आपने नरेंद्र मोदी से सलाह लेने के बाद केस फाइल किया? क्या आप चाहते हैं कि आपके बचाव में मोदी को गवाह के तौर पर बुलाया जाए?” कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
– जेठमलानी ने पूछा- ”आप कैबिनेट मिनिस्टर बनाए गए। इसलिए पीएम आपके कैरेक्टर को अच्छी तरह जानने वाले गवाह हो सकते हैं? क्या आप उन्हें यहां बुलाना चाहते हैं?”
– जेटली के वकील राजीव नायर और संदीप सेठी ने इसका विरोध किया था। रजिस्ट्रार ने इस सवाल को भी खारिज कर दिया, क्योंकि जेटली ने अपने गवाहों की लिस्ट कोर्ट को दी है।
– जेटली ने कहा कि पीएम ने कभी इस बारे में कुछ नहीं कहा। ये झूठे आरोप हैं। ज्वाइंट रजिस्ट्रार दीपाली शर्मा ने कहा कि ये केस से जुड़ा मामला नहीं है। ऐसे सवाल नहीं पूछे जाएं।
 
क्या है मामला?
– दिल्ली के सीएम ऑफिस में दिसंबर, 2015 में सीबीआई ने छापा मारा। केजरीवाल ने दावा किया था कि ऑफिस में DDCA के कथित घोटालों से जुड़ी फाइल आई थी। इसे रेड के दौरान सरकार ने सीबीआई के जरिए गायब करा दिया।
– आप नेताओं का आरोप था कि जेटली के दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) प्रेसिडेंट रहते हुए कई आर्थिक गड़बड़ियां हुईं। जेटली 2010 से 2013 तक क्रिकेट बॉडी के प्रेसिडेंट थे।
– इसके पहले वेटरन क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद ने भी DDCA में आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे।
– जेटली ने लगातार घोटाले के आरोपों को खारिज किया। कथित घोटाले में नाम घसीटे जाने पर केजरीवाल और 5 आप नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में क्रिमिनल और हाईकोर्ट में सिविल मानहानि केस फाइल किया। 10 करोड़ का हर्जाना भी मांगा।
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