जाट आंदाेलनकारी 20 फरवरी से बदलेंगे अपनी रणनीति, 26 को मनाएंगे काला दिवस

चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आंदाेलनकारी 20 फरवरी से अपनी रणनीति बदलेंगे। जाट नेताओं ने बलिदान दिवस पर घोषणा की कि सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन छेड़ेंगे। कई जिलों में धरनाें की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसे 20 से बढाकर 30 किया जाएगा। 26 फरवरी काे काला दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही 1 मार्च से जाट बिजली बिल और बकाए लोन की किस्त जमा नहीं करेंगे। हरियाणा व उत्तर प्रदेश के जाट दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे और संसद का घेराव भी करेंगे।जाट आंदाेलनकारी 20 फरवरी से बदलेंगे अपनी रणनीति, 26 को मनाएंगे काला दिवस

जाट आंदोलन में रविवार को बलिदान दिवस के तहत श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुए। इस मौके पर रोहतक के जसिया सहित राज्य के अन्य जिलों में चल रहे धरनास्थलों पर जाट नेताआें ने आंदोलन की रणनीति बदलने का एलान किया। आंदोलनकारियों ने लिए इसके तहत आठ फैसले किए। बदली रणनीति से आंदोलन और बढ़ता व बड़ा राजनीतिक स्वरूप लेता दिख रहा है। जसिया धरनास्थल पर यशपाल मलिक भी मौजूद थे अाैर उनकी मौजूदगी में इन फैसलों की घोषणा की गई।

दूसरी ओर, पानीपत में राज्य सरकार और जाट नेताओं के बीच 20 फरवरी को पानीपत में होने वाली वार्ता के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। जाट नेता इसके लिए भी रणनीति बनाने में जुटे रहे।

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ये फैसले लिए गए-

– धरनों की संख्या को बढ़ाकर 20 से 30 किया जाएगा। अब पंचकूला में भी धरना होगा। 1 मार्च से 10 धरने और बढ़ाए जाएंगे। इन जिलों में भिवानी, जींद, कैथल, पानीपत, हिसार, करनाल, दादरी, कुरुक्षेत्र, मेवात और पंचकूला शामिल हैं। इससे अधिक धरने बढ़ाने के लिए 1 मार्च के बाद रणनीति घोषित की जाएगी।

– 1 मार्च से बिजली बिल व बकाया लोन का भुगतान न करने का एलान। इस दिन से सरकार के साथ असहयोग आंदोलन की शुरूआत होगी। इसके तहत जली, पानी ओर सरकारी कर्जों व अन्य भुगतान नहीं किया जाएगा। एक दिन के लिए सभी जाट दूध व सब्जी की सप्लाई न कर उनका घर में इस्तेमाल करें। दूग्ध उत्पाद यथा घी, पनीर और खोया आदि तैयार कर लें। इसके लिए तारीख की घोषणा 26 फरवरी को की जाएगी। सरकार के न मानने पर यह असहयोग बढ़ाया भी जा सकता है।

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– जाट आंदोलनकारी 26 फरवरी को काला दिवस मनाएंगे। यह कदम हरियाणा सरकार की भाईचारा तोड़ने और अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ उठाया जा रहा है। इस दिन सभी धरनों पर महिलाएं काला दुपट्टा और पुरुष काली पट्टी या काली पगड़ी पहन कर आएं।

– पंचायत से लेकर सांसद तक सभी जनप्रतिनिधियों को समर्थन के लिए पत्र लिखा जाएगा। 27 फरवरी तक समर्थन का पत्र न देने वाले जनप्रतिनिधियों का बहिष्कार किया जाएगा। उनके खिलाफ की जाएगी वोट न देने की अपील।

– 2 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन हरियाणा व उत्तरप्रदेश के जाट करेंगे प्रदर्शन। संसद का घेराव भी किया जाएगा और इसकी तिथि के बारे में दिल्ली में प्रदर्शन के मौके पर फैसला किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद हरियाणा में जाट समाज साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन किया जाएगा। इसके बाद दिल्ली में प्रतिदिन प्रदर्शनों के माध्यम से हरियाणा आंदोलन को समर्थन दिया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश के लोग भी शामिल होंगे।

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– देशभर के जाटों का संसद के सत्र के दौरान संसद के घेराव के लिए अपने संसाधनों ट्रैक्टर-ट्रालियों से दिल्ली कूच का आह्वान किया गया। इसके लिए हरियाणा के हर धरने पर ट्रैक्टर ट्रॉली ले जाने वाले वालंटियर का रजिस्ट्रेशन 21 फरवरी से शुरू होगा। इसी तरह दिल्ली और उत्तर प्रदेश के जिलों में भी रजिस्ट्रेशन शुरू किए जाएंगे।

– आंदोलन समाप्त होने के बाद शहरों में अन्य वर्गों को विश्वास में लिया जाएगा और भाईचारा कायम रखने का प्रयास किया जाएगा। शहरों में अन्य समुदाय के लोगों को बुलाकर सम्मेलन करेंगे। 36 बिरादरी का भाईचारा हरियाणा और देश को मजबूत करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। इसके लिए देशभर में भाईचारा मीटिंग, सम्मेलन और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। भाईचारा तोड़ने वालों की साजिश को बेनकाब किया जाएगा।

– सामाजिक बदलाव के लिए शादियों में डीजे और शराब के इस्तेमाल पर रोक लगाने की अपील की गई है। साथ ही मृत्युभोज भी बंद करने का निर्णय किया गया। सामाजिक उत्थान के लिए समाज के लोग शादियों में डीजे नहीं बजाएं, शराब न पिएं और दहेज प्रथा खत्म करें। शादी में हथियारों का प्रदर्शन और फिजूलखर्ची न हो। साथ ही समाज को शिक्षा व खेल में अग्रसर होकर काम करना चाहिए।

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