‘जलवायु समझौते से हटना ट्रंप की ऐतिहासिक भूल’, फ्रांस-जर्मनी समेत कई देशों ने किया विरोध
पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को पीछे हटाने के ट्रंप के फैसले के विरोध में कई देश सामने आ गए हैं. फ्रांस, जर्मनी और इटनी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पेरिस जलवायु समझौते पर फिर से बातचीत नहीं की जा सकती. वहीं नीदरलैंड ने इसे अमेरिका के लिए ऐतिहासिक भूल बताया है. कनाडाई पीएम ने ट्रंप से बात कर फैसले पर निराशा जताई है.
फ्रांस, जर्मनी और इटली ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पेरिस जलवायु समझौते पर दोबारा चर्चा नहीं हो सकती है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर नीदरलैंड के पर्यावरण मंत्री शेरोन डिकसमा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने का फैसला ऐतिहासिक भूल है. उन्होंने कहा, अब हमें चीन से नेतृत्व एवं सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस संयुक्त बयान का जारी करना यूरोप से दिया गया स्पष्ट संदेश है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रट के हवाले से बताया कि उन्हें ट्रंप के फैसले पर खेद है.
ये भी पढ़े: भारत की GDP पर चीन का कटाक्ष, नोटबंदी को बताया ‘अपने पैर पर कुल्हाड़ी’ जैसा कदम
कनाडाई पीएम ने की ट्रंप से बात
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन करके अमेरिका को पेरिस समझौते से अलग करने के उनके फैसले पर अपनी निराशा जताई की. उनकी बातचीत के मुताबिक, त्रुदू ने जलवायु पर्वितन की समस्या का निदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करते रहने की अपनी मंशा से भी उन्हें अवगत करा दिया.
त्रुदू ने कहा कि अमेरिका का फैसला दिल तोड़ने वाला है लेकिन वह जलवायु पर्वितन का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में तेज होते प्रयास और स्वच्छ विकास अर्थव्यवस्थाओं में बदलाव के लिए प्रेरित होते रहेंगे. ट्रंप ने इससे पहले व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में एक संवाददाता सम्मेलन में पेरिस समझौते से अमेरिका के बाहर होने का ऐलान किया और कहा कि वह जलवायु परिवर्तन पर एक नए समझौते पर फिर से बातचीत करेंगे जो अमेरिका के हितों के अनुकूल हो.
आखिर क्यों पीछे हटा अमेरिका?
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से अलग कर लिया. ट्रंप का कहना है कि इस समझौते में भारत और चीन के लिए सख्त प्रावधान नहीं किए गए हैं, जबकि ये दोनों देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. इस तरह ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों से अमेरिका अलग हो गया. ट्रंप ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता अमेरिका के लिए बेहद खराब करार है. इस समझौते से अमेरिका को अलग करने की घोषणा करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि वह पेरिस समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करेंगे, ताकि अमेरिका और इसके लोगों के हित में उचित समझौता किया जा सके.
ओबामा ने भी की निंदा
इस पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका समझौते का पालन न कर भावी पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. डेमोक्रेटिक सांसदों ने भी ट्रंप के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. इसके अलावा यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउडे जंकेर ने भी ट्रंप के कदम को बेहद गलत फैसला करार दिया है.