जर्मनी ने तुर्की को चेताया, हमला बंद करे एर्दोगन

उत्तरी सीरिया में कुर्दों के खिलाफ तुर्की की कार्रवाई से कोहराम मचा हुआ है. तुर्की के हमले में अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 50 आम नागरिक और 100 से अधिक कुर्द लड़ाके हैं. तुर्की के सैन्य ऑपरेशन की वजह से 1 लाख 30 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द स्थिति न सुधरी तो 4 लाख लोगों के पलायन की नौबत आ सकती है. इस बीच एक अहम घटनाक्रम में तुर्की का मुकाबला करने के लिए कुर्द विद्रोहियों ने सीरिया की सेना से हाथ मिला लिया है. सीरिया में कुर्द संकट से जुड़े 10 अहम अपडेट्स हम आपको बता रहे हैं.

1- कुर्द विद्रोहियों और सीरियाई सेना के बीच डील

कुर्द प्रशासन ने रविवार को बताया कि सीरिया की सेना के साथ उनका समझौता हो गया है. इसके तहत तुर्की के हमले को रोकने के लिए सीरिया की सेना बॉर्डर पर तैनात की जाएगी. तुर्की से लगे सीरिया के बॉर्डर पर कुर्दों का बोलबाला है. इसी इलाके को तुर्की निशाना बना रहा है. कुर्द और सीरिया की राष्ट्रीय सेना के बीच हुए समझौते के बाद सीरिया की सेना रास-अल-आइन शहर की कूच कर गई है.  कुर्दिश लड़ाके सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज यानी एसडीएफ का हिस्सा रहे हैं और यह धड़ा सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमरीका का सबसे विश्वसनीय साथी रहा है. सीरिया और कुर्द विद्रोहियों के बीच समझौता कराने के लिए रूस सक्रिय रहा है . सीरिया के राष्ट्रपति बसर अल अशद रूस के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं.

भारत दौरे के बाद नेपाल पहुंचे शी चिनफिंग, पीएम केपी शर्मा ओली के साथ की द्वपक्षीय बैठक

2- हमला बंद करे तुर्की- जर्मनी

जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्डोगन से अपील की है कि वे सीरिया में तुरंत अपने हमले रोकें. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि तुर्की की कार्रवाई इलाके में आईएसआईएस आतंकवादियों को संजीवनी दे सकती है और वे फिर से सक्रिय हो सकते हैं.

3- फ्रांस-जर्मनी ने तुर्की को हथियारों की सप्लाई रोकी

कुर्दों पर तुर्की की सैन्य कार्रवाई के विरोध में जर्मनी और फ्रांस ने शनिवार को कहा वे अपने यहां से तुर्की को हथियारों की सप्लाई रोक रहे हैं. जर्मनी और फ्रांस बड़े पैमाने पर तुर्की को हथियारों की सप्लाई करते हैं.

4- तुर्की के कदम का भारत ने किया विरोध

कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयान देने वाले तुर्की के इस कदम का भारत ने विरोध किया है. भारत ने कहा है कि तुर्की का ये कदम एकतरफा है. तुर्की की कार्रवाई सीरिया और आसपास के क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर सकती है. साथ ही साथ मानवता और स्थानीय नागरिकों के लिए भी काफी चिंता का विषय है. भारत ने सलाह दी है कि तुर्की को सीरिया की स्वायत्तता का सम्मान करना चाहिए.

5- हथियारों पर प्रतिबंध लगाने से नहीं रुकेगा तुर्की

पश्चिमी ताकतों ने भले ही तुर्की के खिलाफ सैन्य प्रतिबंध की घोषणा की हो, लेकिन अंकारा इस मामले में रुकता नहीं दिख रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्डोगन ने कहा है कि प्रतिबंध की धमकी और हथियारों की सप्लाई रोकने का खौफ देकर तुर्की को रोका नहीं जा सकता है. टीवी पर एक संबोधन में राष्ट्रपति एर्डोगन ने कहा, “जब हमने अपना ऑपरेशन शुरू किया, हमनें कई चुनौतियों का सामना किया, जो लोग सोचते हैं कि वे तुर्की को धमकियों के दम पर चुप करा देंगे वे पूरी तरह से गलत हैं.”

6- महिला राजनीतिज्ञ समेत 9 को मौत के घाट उतारा

शनिवार को उत्तर पूर्वी सीरिया में तुर्की समर्थित लड़ाकों ने एक महिला राजनीतिज्ञ समेत 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. मृतक राजनेता खलफ की उम्र 35 साल की थी और वे फ्यूचर सीरिया पार्टी की नेता थीं. आतंकियों ने उन्हें कार से उतारा और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.

7- अमेरिका की सैन्य नीति में बदलाव, कुर्द विद्रोहियों नहीं करेगा मदद

तुर्की ने जब सीरिया में कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया तो सभी को उम्मीद थी कि अमेरिका कुर्दों की मदद के लिए आगे आएगा, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका ने कुर्दों को मदद करने से इनकार कर दिया. बता दें कि कुर्दिश लड़ाके सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिका के विश्वस्त सहयोगी रहे हैं.

8- रास अल आइन शहर पर कब्जे का दावा

तुर्की ने दावा किया है कि सैन्य ऑपरेशन के जरिए इसने रास-अल-आइन शहर पर कब्जा कर लिया है. तुर्की का दावा है कि सीरिया में ये उसकी अहम जीत है.

9- यूरोप में तुर्की के खिलाफ विशाल प्रदर्शन

सीरिया में तुर्की के सैन्य ऑपरेशन की पश्चिमी दुनिया में कड़ी आलोचना हो रही है. पेरिस में शनिवार को बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर निकले और एर्डोगन के खिलाफ नारेबाजी की, समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक पेरिस में 20 हजार लोग सड़कों पर उतर आए और तुर्की से इस ऑपरेशन को बंद करने को कहा.

10- 9 अक्टूबर को तुर्की ने शुरू किया ऑपरेशन पीस स्प्रिंग

तुर्की ने 9 अक्टूबर को कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन पीस स्प्रिंग की शुरुआत कर उनके खिलाफ बमबारी शुरू की. तुर्की के राष्ट्रपति एर्डोगन ने ट्वीट कर कहा कि तुर्की की सेना सीरियन नेशनल आर्मी की मदद से ऑपरेशन पीस स्प्रिंग की शुरुआत कर दी है. बता दें कि सीरियन नेशनल आर्मी सीरिया का विद्रोही गुट है जिसे अंकारा का समर्थन हासिल है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के उत्तर सीरिया से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले के कुछ दिन बाद ही तुर्की की ओर ये हमला किया गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button