…जब ‘क्रिकेट के भगवान’ ने कहा, भारत को ‘खेल खेलने वाला’ देश बनना चाहिए

टीम इंडिया के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि भारत खेलों को पसंद करने वाला देश है लेकिन इसे ‘खेल खेलने वाला’ देश बनना चाहिए।...जब 'क्रिकेट के भगवान' ने कहा, भारत को 'खेल खेलने वाला' देश बनना चाहिए

तेंदुलकर ने टीएमसी स्कूल में डीबीएस बैंक के ‘स्पार्किंग द फ्यूचर’ अभियान का उद्घाटन किया, जिसके अंतर्गत सौर ऊर्जा वाली फ्लड-लाइट मैदान पर लगायी गई हैं ताकि बच्चे रात में खेलों की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें।

छात्रों को सम्बोधित करते हुए तेंदुलकर ने जीवनशैली में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया ताकि भारत एक स्वस्थ देश बन सके। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां एक संदेश देना चाहूंगा कि मैं हमेशा कहता रहता हूं कि भारत को युवा और फिट होना चाहिए। हमारा देश युवाओं का देश है, जब आप देश के लोगों की औसत उम्र देखते हो तो भारत को युवाओं का देश कहा जाता है।’

तेंदुलकर ने कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत फिट या स्वस्थ देश है क्योंकि अगर ऐसा होता तो हम मधुमेह बीमारी के मामले में आगे नहीं होते। हम इस मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं, जहां तक मोटापे का संबंध है तो हम तीसरे नंबर पर हैं इसलिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारा देश खेलों को पसंद करता है और इसलिए अहम है कि हम खेलों को खेलने वाला देश भी बने और इसके लिए अगर इस तरह की सुविधायें आती हैं तो बच्चों को ही नहीं बल्कि उनके माता पिता को भी अपने बच्चों के साथ समय बिताने और खेलने के लिये कहूंगा जिससे अच्छे रिश्ते भी बनेंगे।’

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