छात्रों की मेहनत रंग लाई, पीयू प्रशासन झुका, बेतहाशा फीसवृद्धि का फैसला वापस

विद्यर्थियों के एक लंबे संघर्ष और सीनेटर्स के दबाव के आगे आखिरकार पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन को झुकना पड़ा। रविवार सुबह दस बजे से लेकर रात करीब पौने नौ बजे तक  चली पीयू सीनेट की मैराथन मीटिंग के दौरान विभिन्न कोर्सों में बढ़ाई बेतहाशा फीसवृद्धि के फैसले को वापस ले लिया गया। सीनेट ने फीसवृद्धि के अपने पहले प्रस्ताव को छात्र हित में वापस लेकर नया प्रस्ताव पारित कर दिया।
छात्रों की मेहनत रंग लाई, पीयू प्रशासन झुका, बेतहाशा फीसवृद्धि का फैसला वापस
नए प्रस्ताव के मुताबिक पीयू अथॉरिटी अब विभिन्न कोर्सों में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम दस प्रतिशत फीस ही बढ़ाएगी। इसके अतिरिक्त यूनिवर्सिटी अपनी आय के स्रोत और किस तरीके से बढ़ाए, इस बारे में पीयू प्रशासन विचार करेगा।

यह भी पढ़े: नाली से मिला 7 महीने का भ्रूण, अज्ञात महिला के नाम से FIR,पुलिस कर रही तलाश

बैठक में सीनेटर्स ने यह बात भी एकजुटता से उठाई कि पीयू प्रशासन अपने अनावश्यक खर्च कम करे और बजट का गलत फ्लो होने से रोके ताकि पीयू का आर्थिक संकट भविष्य में बढ़ता न जाए। 

क्रिमिनल केस भी वापस होंगे

सीनेट मीटिंग में फीसवृद्धि में राहत देने के  साथ-साथ छात्रों को एक और बड़ी राहत मिलेगी। पंजाब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी गत 11 अप्रैल को पीयू में हुई हिंसा के बाद छात्रों पर दर्ज करवाए क्रिमिनल केस को भी वापस ले लेगी।

वीसी अरुण कुमार ग्रोवर इस बाबत पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर और होम सेक्रेटरी से मुलाकात करेंगे। उसके बाद पीयू द्वारा पुलिस को दी गई छात्रों के खिलाफ शिकायत वापस ले ली जाएगी। यह फैसला रविवार को पीयू के आर्थिक  संकट पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई सीनेट की विशेष बैठक में लिया गया है।

इसके लिए सीनेटर्स ने एक विशेष फॉलोअप कमेटी भी गठित की है जो छात्रों के खिलाफ पीयू द्वारा शिकायत वापस लेने के मामले पर लगातार निगरानी रखेगी। पीयू के वीसी अरुण कुमार ग्रोवर के अनुसार पीयू का हर फैसला छात्रों के हित में ही होता है। पीयू को आर्थिक संकट से उबारने केलिए प्रयास भी जारी रहेंगे।

Back to top button