गुजरात की 17 मुठभेड़ में से 3 फर्जी घोषित, 9 पुलिसकर्मियों पर मुकदमे की सिफारिश

गुजरात में 2002 से 2006 के बीच हुई 17 में से 3 मुठभेड़ को जस्टिस एचएस बेदी जांच कमेटी ने फर्जी घोषित कर दिया है। शीर्ष अदालत में दाखिल करने के करीब एक साल बाद खोली गई कमेटी की रिपोर्ट में समीर खान, कासम जाफर और हाजी हाजी इस्माइल की मुठभेड़ में मौत को प्रथम दृष्टया फर्जी माना है। साथ ही इन मुठभेड़ में शामिल रहे 3 इंस्पेक्टरों समेत कुल 9 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलाए जाने की सिफारिश की है। हालांकि उन्होंने इन मुठभेड़ में आईपीएस अधिकारियों की भूमिका को लेकर कोई सिफारिश नहीं की है।गुजरात की 17 मुठभेड़ में से 3 फर्जी घोषित, 9 पुलिसकर्मियों पर मुकदमे की सिफारिश

इन तीन मुठभेड़ पर सवाल

22 अक्तूबर, 2002 को समीर खान का अहमदाबाद के उस्मानपुरा में पुलिस हिरासत से भागते समय एनकाउंटर
13  अप्रैल, 2006 को कासम जाफर अहमदाबाद में पुलिस हिरासत से फरार हुआ, एक दिन बाद लाश मिली
09 अक्तूबर, 2005 को हाजी हाजी इस्माइल ने पुलिस के रोकने पर फायर किया, बदले में पुलिस ने 20 गोली मारी

इन 14 एनकाउंटरों की भी जांच

मिथु उमर दाफेर, अनिल बिपिन मिश्रा, महेश, राजेश्वर कश्यप, हरपाल सिंह ढाका, सलीम गाजी मियाना, जाला पोपट देवीपूजक, रफीक शाह, भीमा मांडा मेर, जोगिंदर खेतान सिंह, गणेश खुंटे, महेंद्र जाधव, सुभाष भाष्कर नैय्यर और संजय।

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