गलती से भी घर के मंदिर में न रखे इन 4 मूर्तियों को वरना हो जाएगे बर्बाद

हर घर में देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान होता है। कई घर में अपने तरीके से छोटे या बड़े मंदिर बनाते है। हमें उनकी पूजा करने से सभी दुख-दर्द कम होता है साथ ही इससे आपके मन की शांति मिलती है।मंदिर

जिन धरों में विधि विधान से पूजा की जाए तो घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। जिससे घर की दरिद्रता दूर हो जाएगी, लेकिन कुछ जानकारी न होने पर हम कुछ गलतियां कर बैठते है जिससे कि घर में अशांति उत्पन्न होने लगती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मेन गेट से लेकर कमरे, रसोई घर, सीढ़ियां, बेडरूम और यहां तक कि घर का मंदिर भी वास्तु दोष रहित होना चाहिए। जिस तरह के से घर के अन्य स्थान महत्वपूर्ण है, ठीक उसी तरह घर का मंदिर भी एक अहम स्थान है। इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि यहां कोई वास्तु दोष जन्म ना ले पाए।

वास्तु शास्त्र के नियम

वास्तु-शास्त्र-के-नियम घर के मंदिर का स्थान, दिशा और मंदिर में किन-किन चीजों को शामिल किया जाए यह सब सोच समझकर कर ही करना चाहिए। एक बार अगर आपने सही दिशा में मंदिर की स्थापना कर ली है तो यह ना सोचें कि आगे के लिए कोई मेहनत नहीं करनी होगी।

वास्तु-शास्त्र-के-नियम घर के मंदिर का स्थान, दिशा और मंदिर में किन-किन चीजों को शामिल किया जाए यह सब सोच समझकर कर ही करना चाहिए। एक बार अगर आपने सही दिशा में मंदिर की स्थापना कर ली है तो यह ना सोचें कि आगे के लिए कोई मेहनत नहीं करनी होगी।

हमेशा याद रखें ये नियम

घर के मंदिर में गंदगी नहीं फैलनी चाहिए, यहां धूल-मिट्टी ना बनने दें। इसके साथ ही मंदिर में आवश्यक रोशनी हो। मंदिर में अंधेरा होना शुभ नहीं माना जाता है। मंदिर में खंडित मूर्ति भी नहीं होनी चाहिए, किंतु मूर्तियों के संदर्भ में एक और बात है जिसका आपको ख्याल रखना होगा और वह यह कि मंदिर में कुछ खास प्रकार की मूर्तियां नहीं होनी चाहिए।

भैरव देव

भगवान शिव का अवतार माने गए भैरव देव की मूर्ति घर में नहीं लानी चाहिए और इसे लाकर मंदिर में तो कभी भी स्थापित ना करें। यूं तो ये भगवान शिव का ही अवतार माने जाते हैं लेकिन भैरव देव तंत्र विधा के देवता हैं और इनकी उपासना घर के भीतर ना होकर बाहर ही होनी चाहिए।

नटराज

आपके कई बार नटराज की मूर्ति देखी होगी, यह देखने में बेहद आकर्षक लगती है लेकिन इसे घर में रखने की भूल ना करें। नटराज भगवान शिव का रौद्र रूप है यानि क्रोधित अवस्था और ऐसी मूर्ति घर में लाने से अशांति फैलती है।

शनि देव

सूर्य पुत्र शनि देव की मूर्ति को भी घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए। अगर आप इनकी पूजा करते हैं तो घर के बाहर किसी मंदिर में ही करें, इनकी मूर्ति घर में ना लाएं।

राहु-केतु

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