क्या होता है शहीदों के शव से उतरे व फटे तिरंगे का, जानिए अन्य FACTS

जयपुर। राजधानी जयपुर के झंडा विशेषज्ञ ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में फैक्ट्स शेयर किए।उन्होनें बताया कि क्या आपको पता है पहली बार तिरंगा कब और कहां, फहराया गया था? राष्ट्रध्वज फटने पर क्या किया जाता है? 
क्या होता है शहीदों के शव से उतरे व फटे तिरंगे का, जानिए अन्य FACTS
– भारत के राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वैंकेया ने डिजाइन किया था। वेंकैया ने इसके लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से सलाह ली और उन्हें इस ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी, जो संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संकेत बने।

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– उन्होंने 5 सालों तक 30 देशों के झंडों पर रिसर्च किया और इस रिसर्च के नतीजे के तौर पर भारत को राष्ट्रध्वज के तौर पर तिरंगा मिला।
– आज जो तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है उसका यह छठवां रूप है। इसको 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था।

– जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पहले आयोजित की गई थी।
 
जानिए झंडे से जुड़े 26 फैक्ट्स
– जयपुर के झंडा विशेषज्ञ ज्ञानप्रकाश कामरा ने तिरंगे से जुड़े 26 फैक्ट्स के बारे में बताया। इसके साथ ही ज्ञानप्रकाश ने स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों से अपील की है कि वें अपने यहां झंड़ा फहराने से पहले लोगों को तिरंगे को छूने दें। ज्ञानप्रकाश जी का मानना है कि ऐसा करने से लोगों को देश के प्रति लगाव बढ़ेगा।
 
Q1. भारतीय ध्वज संहिता 2002 क्या है?
Ans. भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्र ध्वज को पहराने, प्रदर्शन करने संबंधी दिशा-निर्देश हैं। 26 जनवरी 2002 से इसे लागू किया गया है। प्रथम भाग में ध्वज संबंधी जानकारी, दूसरे भाग में आम जनता, शिक्षण संस्थान एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा झंडा फहराने व प्रदर्शन की जानकारी और संहिता के तृतीय भाग में केंद्र एवं राज्य सरकार के कार्यालयों व संस्थानों हेतु ध्वज फहराने संबंधी जानकारी
Q2. झंडा फहराने के लिए नियम-कायदे है क्या?
Ans. हां, भारतीय झंड़ा संहिता 2002 के दिशा-निर्देशानुसार झंडा फहराने और प्रदर्शन के बारे में सविस्तार उल्लेख है, जिनका पूर्णतः: पालन किया जाना चाहिए।
Q3. पॉलिथीन, नायलोन, प्लास्टिक के झंडों का उपयोग कर सकते है?
Ans. कतई, नहीं यह विधि सम्मत नहीं है।
Q4. कपड़े, कागज से निर्मित राष्ट्र ध्वज फट जाए तो क्या करें?
Ans. अनुपयोगी, क्षतिग्रस्त राष्ट्र ध्वज को सम्मानपूर्वक एकांत में जला दें या जमीन में गाड़ दें। अनुपयोगी ध्वज को, विद्यालयों, सरकारी कार्यालय द्वारा इसकी नीलामी नहीं की जा सकती।
Q5. राजकीय शोक अवधि के दौरान झंडा कैसे झुकाएं?
Ans. ध्वज स्तंभ के आधे हिस्से तक की ऊंचाई पर झंड़ा फहराए।
Q6. आंधी तूफान अथवा ओलों की मार से ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाए तो क्या करें?
Ans. क्षतिग्रस्त ध्वज को तुरंत हटा कर उसके स्थान पर नया झंडा फहराएं। कार्यालयों से अपेक्षा है कि इस प्रकार की दु:खद स्थिति से निपटने हेतु अतिरिक्त झंडा रखें। किसी भी दशा में क्षतिग्रस्त ध्वज नहीं फहराया जाना चाहिए।
Q7. विधि सम्मान राष्ट्र ध्वज की क्या पहचान है?
Ans. ध्वज पर भारतीय मानक ब्यूरो का नाम, निर्माण का दिनांक व ध्वज का आकार अंकित होता है।
Q8. सही झंडा कहां से खरीदे?
Ans. खादी की दुकानों से यह सुलभतापूर्वक क्रय किया जा सकता है।
Q9. झंडे का प्रयोग परिधान में कैसे करें?
Ans. कमर से नीचे पहने जाने वाले परिधानों पर ध्वज अंकित नहीं होना चाहिए।
Q10. ध्वज अपमान देखने पर क्या करें?
Ans. लिखित अथवा मौखिक रुप से अखबार को संपादक को, नजदीकी थाने के थानाधिकारी अथवा जिला प्रशासन को घटना की संपूर्ण जानकारी दे वें।
Q11. क्या मैं अपनी कार पर झंडा लगा सकता हूं?
Ans. बिलकुल नहीं कानूनन इसकी अनुमित नहीं है।
Q12. राष्ट्रीय समारोह के दौरान ध्वज स्तंभ पर फूल माला बांध सकते है?
Ans. नहीं।
Q13. क्या तिरंगे में फूलों की पंखुरियां रखी जा सकती है?
Ans. गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण से पूर्व ऐसा किया जाना विधि मान्य है। इस संबंध में आप अपने विवेक के अनुसार काम करें।
Q14. राजकीय अंत्येष्टि के अवसर पर पार्थिव देह पर झंडा कैसे रखें?
Ans. झंडे का केसरिया भाग पार्थिव देह के शीश की और रहेगा तथा हरी पट्टी पैरों के ओर रहेगी। ध्वज सम्मान स्वरूप जाता है न कि कफन के रूप में पार्थिव देह पर ध्वज को क्षैतिज (होरिजेंटल) रखें न कि ऊर्ध्व (वर्टिकल)।
Q15. पार्थिव देह पर प्रयुक्त झंडे का क्या करें?
Ans. विवेकानुसार कार्यवाही करें। यदि चाहें तो उस पवित्र झंडे को स्मृति स्वरूप सहेज कर रखें। यदि चाहें तो सम्मानपूर्वक एकांत में जला दें परंतु झंडे का चिता में नहीं जलाएं। कब्र में भी इसे नहीं गाड़े। ध्वज अपमान पर कानून।
Q16. राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनिमय 1971 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है?
Ans. भारतीय संविधान के अनुच्छेद-51 क मूल कर्तव्य के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि संविधान का पालन करे और आदर्शों, संस्थानों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें।
Q17. सांस्कृतिक समारोह के दौरान कागज के तिरंगे ध्वज को स्टेज, मैदान में रखा जा सकता है?
Ans. कदापि नहीं, यदि इसकी आवश्यकता महसूस हो तो वहां छोटी तिपाई आदि का प्रबंध कर लें। तिपाई पर ध्वज को रखें। ध्वज जमीन,स्टेज को स्पर्श नहीं करे।
Q18. फ्लैट्स में रहने वाले लोग तिरंगा कैसे फहराएं?
Ans. तिरंगे को इमारत के अगले हिस्से या बालकनी या खिड़की पर आड़े या तिरछे फहराया जा सकता है। झंडे की केसरिया पट्टी डंडे के उसे सिरे की ओर होगी जो खिड़की छज्जे, बालकनी, अगले हिस्से से परे की ओर हो।
Q19. जम्मू व कश्मीर का ध्वज कैसा है?
Ans. लाल रंग के ध्वज में बांई ओर (ध्वज फहराने वाले भाग की ओर) सफेद रंग की तीन क्षैतिज (हॉरिजेंटल) पटिट्यां है। ध्वज में हल भी अंकित है। जनसाधारण इसे हंस समझ कर भ्रमित होता है।
Q20. जम्मू व कश्मीर ध्वज के संबंध में कोई निर्देश?
Ans. यह ध्वज तिरंगे के बांई ओर रहेगा। भारत के राष्ट्र ध्वज हेतु प्रयुक्त किया जाने वाला ध्वज स्तंभ, अधिक ऊंचाई का होगा तथा जम्मू व कश्मीर राज्य के झंडे हेतु कम ऊंचाई वाला ध्वज स्तंभ होगा।
Q21. क्रिकेट मैच के दौरान तिरंगे का प्रदर्शन कैसे करें?
Ans. पूर्ण आदर के साथ तिरंगे का उपयोग करें। ध्वज प्रदर्शित करते समय ध्यान रहे कि इसकी केसरिया पट्टी ऊपर की ओर रहेगी। ध्वज की घुटनों पर नहीं रखेंगे। इसे दाएं कंधे पर रखें। जमीन पर किसी भी अवस्था में इसे न रखें।
Q22. राष्ट्रीय पर्व अथवा खेलकूद प्रतियोगिताओं के दौरान एक ध्वज स्तंभ पर संस्था का ध्वज एवं तिरंगा प्रदर्शित किया जा सकता है?
Ans. नहीं एक ध्वज स्तंभ पर एकी ही ध्वज फहराया जा सकता है। समस्त ध्वज स्तंभ की ऊंचाई एक समान होगी। जम्मू व कश्मीर राज्य का ध्वज स्तंभ राष्ट्र ध्वज हेतु काम में लिए जाने वाले ध्वज स्तंभ से कम ऊंचाई का होगा।
Q23. स्टेज अथवा मेज पर संस्था का तथा राष्ट्र ध्वज तिरंगा एक साथ दो ध्वज कैसे प्रदर्शित करें?
Ans. दोनों ध्वज हेतु पृथक-पृथक ध्वज दंड होगा। तिरंगा दाईं ओर व अन्य संस्था वाले ध्वज दंड के ऊपर तिरंगे ध्वज का दंड रहेगा।
Q24. झंडे की बंदनवाकर तैयार करके अलंकरण किया जा सकता है?
Ans. नहीं, झंडा सजावट की वस्तु नहीं हैं।
Q25. क्या चेहरे पर तिरंगा चिह्नित करवाया जा सकता है?
Ans. इस संबंध में कोई वैधानिक आपत्ति नहीं है। ध्वज चित्रांकन त्रुटि रहित होना चाहिए।
Q26. ध्वजारोहण के समय ध्वज को सलामी देते समय टोपी आदि (हैड ड्रैस) आवश्यक है?
Ans. असैनिक व्यक्ति बिना टोपी (नंगे सिर) ध्वज को सैल्यूट दे सकता है। पुलिस, सेना का अधिकारी हैड ड्रैस (कैप) को धारण करके ही ध्वज अभिवादन करेगा।
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