क्या सच में रॉबर्ट ने जब लक्ष्मीबाई की पहली मुस्कान देखी तो मंत्रमुग्ध…

लक्ष्मीबाई के जीवन पर लिखी गई एक किताब, जिसमें कई ऐसे तथ्य शुमार किए गए हैं जो झांसी की रानी को लेकर प्रचलित नहीं हैं. किताब का नाम है रानी, जिसे जयश्री मिश्रा ने लिखा है. वैसे मणिकर्णिका की कहानी बाहुबली के राइटर केवी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखी है. उन्होंने किन तथ्यों और किताबों को आधार बनाया है, इसकी जानकारी नहीं है. फिल्म रिलीज के बाद ही पता चलेगा कि झांसी की रानी की प्रचलित कहानी से फिल्म कितनी अलग है?


2019 की बहुप्रतीक्षित फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी शुरू से ही सवालों के घेरे में है. इस फिल्म में रानी लक्ष्मीबाई का किरदार कंगना रनौत निभा रही हैं. पिछले दिनों करणी सेना ने फिल्म का ये कहकर विरोध किया था कि इसमें लक्ष्मीबाई का एक ब्रिटिश अफसर संग डांस दिखाया गया है. राजस्थान के सर्व ब्राह्मण महासभा ने भी कुछ ऐसे ही आरोप लगाए थे. हालांकि अब विवाद शांत हैं, लेकिन इन आरोपों के शुरुआत की एक वजह है.

इतिहास में लिखी परम्परागत किताबों में लक्ष्मीबाई के किसी प्रेम प्रसंग का जिक्र नहीं है. लेकिन 2018 में आई यूके बेस्ड लेखिका जयश्री ने अपनी किताब ‘रानी’ में ऐसे विवादित प्रेम प्रसंग का उल्लेख किया है. हालांकि जयश्री ने अपनी किताब को ऐतिहासिक फिक्शन और प्रेमकथा बताया है. लेकिन लक्ष्मीबाई के बारे में विवादित तथ्यों की वजह से उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा था.

किताब के अनुसार, रानी और झांसी के तत्कालीन राजनीतिक एजेंट रॉबर्ट एलिस के बीच रिलेशनशिप था. दोनों की प्रेम कहानी का जिक्र करते हुए उल्लेख है कि लक्ष्मीबाई के साथ बढ़ती दोस्ती के चलते रॉबर्ट एलिस की शिकायत ईस्ट इंडिया कंपनी तक पहुंची. अंग्रेजों ने रॉबर्ट को लक्ष्मीबाई संग दोस्ती के लिए डांटा. रॉबर्ट को इस्तीफा तक देना पड़ा था. इस्तीफा देने के बाद वे लक्ष्मीबाई के दरबार में गए.

जब लक्ष्मीबाई को रॉबर्ट के इग्लैंड वापस जाने का पता चला तो वे खूब रोईं. विदाई के वक्त रॉबर्ट ने लक्ष्मीबाई से कहा था, “मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं अपने देश इंग्लैंड वापस जा रहा हूं. रॉबर्ट के जाने के बाद लक्ष्मीबाई अपने कमरे में जाकर खूब रोईं. उनकी सहायिका सुंदर को उनके रोने की आवाजें आ रही थीं.”

किताब के मुताबिक, रॉबर्ट ने जब लक्ष्मीबाई की पहली मुस्कान देखी तो वह मंत्रमुग्ध हो गया था. एक जगह दोनों की घुड़सवारी का जिक्र है. लक्ष्मीबाई ने रॉबर्ट से कहा, मैं रोज सुबह यहां पर घुड़सवारी करने के लिए आने की कोशिश करती हूं. अगर तुम भी यहां घुड़सवारी के लिए आने का समय निकालोगे तो मुझे अच्छा लगेगा. जिसके बाद दोनों साथ में घुड़सवारी करने लगे. पति के निधन के बाद अकेली पड़ी लक्ष्मीबाई की रॉबर्ट से दोस्ती बढ़ती जा रही थी. घुड़सवारी के अलावा दोनों अक्सर जंगलों में कभी सुबह कभी शाम को मिला करते थे. रॉबर्ट-लक्ष्मीबाई की दोस्ती के बारे में सिर्फ रानी लक्ष्मीबाई की सहायक सुंदर को पता था.

जयश्री ने किताब के इंट्रोडक्शन में साफ किया है कि ये बुक ऐतिहासिक फिक्शन और प्रेम कथा है, जिससे भारतीयों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि मैंने एक योद्धा के पीछे छिपी नारी की खोज की है. इस किताब पर 2008 में यूपी की तत्कालीन सीएम मायावती ने रोक लगाई थी. लोगों ने किताब पर लक्ष्मीबाई के अपमान का आरोप लगाया था. हालांकि ये ऑनलाइन उपलब्ध है.

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