क्या बीजेपी की यह गलती केजरीवाल को दिला सकता है बड़ा फायदा? जानिए कैसे?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी में शह-मात का खेल जारी है. दिल्ली की चुनावी जंग को फतह करने के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग अपने चरम पर है. ऐसे में बीजेपी सांसद ने सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘आतंकवादी’ बताया, जिसे लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. केजरीवाल को आतंकी कह कर कहीं बीजेपी ने 2015 में ‘उपद्रवी गोत्र’ वाली गलती तो नहीं दोहरा दी है.  

बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा मंगलवार को मादीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल की तुलना आतंकी से कर दी. प्रवेश वर्मा ने कहा था, ‘केजरीवाल जैसे नटवरलाल…केजरीवाल जैसे आतंकवादी देश में छुपे बैठे हैं. हमें तो सोचने पर मजबूर होना पड़ता है हम कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों से लड़ें या फिर केजरीवाल जैसे आतंकवादियों से इस देश में लड़ें’

बीजेपी सांसद ने कहा था केजरीवाल अगर जीतकर आए तो मादीपुर की सड़कें शाहीनबाग बन जाएंगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जनता और शाहीनबाग में धरने पर बैठे लोगों को बरगला रहे हैं. मुख्यमंत्री दिल्ली में उसी तरह बर्ताव कर रहे हैं, जैसे नक्सली काम करते हैं. हालांकि इस बयान के बाद बीजेपी बैकफुट पर नजर आ रही है.

बीजेपी सांसद के आतंकी वाले बयान को लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. केजरीवाल ने कहा, ‘बीजेपी सांसद के बयान से मैं दुखी हूं. मैं आतंकवादी कैसे हो गया. मुझे आतंकी बताए जाने पर मेरे मां-बाप को बहुत दुख है. उनका यही कहना था कि उनका बेटा कट्टर देशभक्त है. क्या शिक्षा का इंतजाम करने वाला आतंकी होता है. मैंने पिछले पांच साल में दिल्ली का बेटा बनकर काम किया है. ये मैं दिल्ली के लोगों पर छोड़ता हूं कि वह मुझे बेटा मानते हैं, भाई मानते हैं या आतंकी मानते हैं.’

केजरीवाल ने कहा कि मैंने 2 बार देश के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आमरण अनशन किया है. मैंने 15-15 दिन का अनशन किया है. मैंने देश के लिए अपनी जान दांव पर लगाई थी. बीजेपी ने मुझे आज आतंकवादी बोल रहे हैं.  बॉर्डर पर शहीद होने वाले जवान के परिवार को मैंने 1 करोड़ सम्मान राशि दी. जवान की शहादत के बाद परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और बदले में बीजेपी वाले मुझे आतंकवादी बोल रहे है.

बीजेपी 2015 में केजरीवाल को ‘उपद्रवी गोत्र’ लिखा था

दरअसल 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी विज्ञापनों के जरिए निशाना साध रही थी. ऐसे में बीजेपी ने एक विज्ञापन में केजरीवाल को ‘उपद्रवी गोत्र’ का बता दिया था. विज्ञापन में नीचे बीजेपी ने केजरीवाल को  ‘हे आंदोलनकारी’ कहते हुए संबोधित कर लिखा था, ‘देश के करोड़ों लोग गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं, इस पर गर्व करते हैं. और आपका ‘उपद्रवी गोत्र’ इसमें भी व्यवधान डालने को तैयार था.’

केजरीवाल ने इसे अग्रवाल समाज से जोड़ दिया था

केजरीवाल ने इसे अपनी जातीय से जोड़कर चुनावी मुद्दा बना दिया था. केजरीवाल ने कहा था, ‘यह पूरे अग्रवाल समाज को आहत करने वाला है. बीजेपी ने पूरे अग्रवाल समाज को ही ‘उपद्रवी’ बता दिया. बीजेपी ने मेरे गोत्र को ‘उपद्रवी गोत्र’ लिख दिया बीजेपी की लड़ाई मुझसे हो सकती है. बीजेपी पूरे अग्रवाल समाज को ‘उपद्रवी’ कैसे कह सकती है? बीजेपी अब जातिगत हमले पर उतर आई है. बीजेपी पूरे अग्रवाल समाज से माफी मांगे.’

दिल्ली के 2015 चुनाव में बीजेपी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल अपनी हर सभाओं में गोत्र वाले बयान को उठाया था. बीजेपी के लिए यह बयान गले की फांस बन गया था और चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था. बीजेपी 31 से महज 3 सीट पर आकर सिमट गई थी. अब एक बार फिर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर व्यक्तिगत आरोप या आक्रमण कर नई मुसीबत मोल ले ली है. केजरीवाल ने बीजेपी के इस बयान को लेकर मोर्चा खोल लिया है और सहानुभति बटोरने की कोशिश कर रही हैं.

आतंकवादी वाले बयान को लेकर अरविंद केजरीवाल ने भी गुरुवार की शाम बाबरपुर की रैली में जनता के बीच मुद्दा रखा. केजरीवाल ने जनसभा में लोगों से कहा कि अगर वह उन्हें अपना भाई समझते हैं तो 8 फरवरी को झाड़ू पर वोट दें और अगर वह उन्हें आतंकवादी समझते हैं तो कमल यानी बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर वोट दें.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत पार्टी के कई नेता चुनाव आयोग के बाहर धरने पर बैठ गए. हाथों में आतंकवादी वाले बयान के खिलाफ तख्तियां लेकर AAP नेताओं ने अपना विरोध जताया. केजरीवाल ने कहा कि वह डायबिटीज के मरीज हैं, फिर भी जनता के लिए धरने पर बैठे और अब उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है. बीजेपी अब बैकफुट पर है. ऐसे में केजरीवाल को आतंकी कहना बीजेपी के लिए चुनाव में गले की फांस बन सकता है.

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