क्या आप जानते हैं फटे और पुराने तिरंगे का क्या किया जाता है, अगर नहीं तो जरुर पढ़ ले ये खबर..

अपने राष्ट्रीय झंडे को तिरंगा कहते हैं। इसमें नारंगी नहीं बल्कि केसरिया रंग होता है और अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं।अपने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में आप यह जानते होंगे, लेकिन 15 अगस्त बीत जाने के बाद जगह-जगह लहराने वाले झंडों का बाद में क्या होता है।आजादी के जश्न के बाद जब वह मैले, पुराने और फट जाते हैं, तो उनका क्या किया जाता है।कभी सोचा है। नहीं न, चलिए आज हम आपको इस बारे में बताएंगे। पुराने, मैले और फटे हुए ऐसे झंडों को व्यवस्थित तरीके से निस्तारित किया जाता है।

आपको बता दे कि फ्लेग कोड ऑफ़ इंडिया के तहत फटा या गन्दा तिरंगा झंडा फहराना अपराध है अगर कोई ऐसा करता है तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है। अगर झंडा फट जाए या पुराना हो जाए तो इसके लिए भी नियम बनाये गए है। फ्लेग कोड ऑफ़ इंडिया के तहत फटे या पुराने झंडे को एकांत में जला देना चाहिए या किसी दूसरे तरीके से नष्ट कर देना चाहिए ताकि तिरंगे की गरिमा बनी रहे। तिरंगे झंडे को पवित्र नदी में जल समाधि भी दी जा सकती है।

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आपने कई बार देखा होगा कि जब कोई सैनिक शहीद हो जाता है तो उसके पार्थिव शरीर पर तिरंगा झंडे को चढ़ाया जाता है लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि बाद में उस तिरंगे झंडे का क्या किया जाता है। आपको बता दे कि शहीदों के पार्थिव शरीर से उतारे गए झंडे को भी गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या नदी में जल समाधि दे दी जाती है।

किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रिय तिरंगे झंडे से ऊपर या ऊँचा नहीं लगा सकते और न ही बराबर पर लगा सकते हैं राष्ट्रिय ध्वज देश का गौरव होता है इसलिए न केवल इसे फ़हराने के नियम बने है बल्कि झंडे को कैसे नष्ट किया जाए इसके लिए भी नियम है जिनका हर किसी को पालन करना चाहिए। 

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