डे-नाइट टेस्ट: कोहली ने बताया गुलाबी गेंद से होने वाली मुश्किलें

टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए तैयार है. दो मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट इंदौर में गुरुवार से खेला जाएगा. लेकिन फिलहाल चर्चा में कोलकाता का डे-नाइट टेस्ट है, जहां सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 22 नवंबर से खेला जाएगा. यह दिन-रात्रि टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से खेला जाना है.
इंदौर टेस्ट मैच से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान विराट कोहली ने गुलाबी गेंद के बारे में अपनी राय रखी. उन्होंने कहा. ‘मुझे लगता है कि यह टेस्ट क्रिकेट में उत्साह लाने का एक नया तरीका है. कल (मंगलवार को) मैंने जिस गुलाबी गेंद से अभ्यास किया, तो ऐसा लगा कि यह लाल गेंद की तुलना में बहुत ज्यादा स्विंग करती है. जब आप लाल गेंद से खेल रहे हों, तो आपको अचानक गुलाबी गेंद से खेलने के लिए अतिरिक्त एकाग्रता की जरूरत होती है.’
HE IS BACK – Captain @imVkohli spends quality time at the nets ahead of the 1st Test in Indore 👌🔥💥 #TeamIndia #INDvBAN pic.twitter.com/5Y2BakwRfj
— BCCI (@BCCI) November 12, 2019
दोनों टीमें पहली बार दिन रात्रि टेस्ट मैच में खेलेंगी और एसजी की गुलाबी गेंद भी पहली बार आधिकारिक तौर पर उपयोग की जाएगी. इससे पहले चेतेश्वर पुजारा कह चुके हैं, ‘मैं इससे पहले दिलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेल चुका हूं. वह अच्छा अनुभव था. घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव फायदेमंद हो सकता है.’
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अधिकतर क्रिकेटर अपने करियर में पहली बार गुलाबी गेंद से खेलेंगे, हालांकि पुजारा, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को दिलीप ट्रॉफी में कूकाबुरा की गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है.