अक्सर आपने इंसानों को अदालत में पेश होते देखा और सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने गाय को भी अदालत में पेश होते देखा है। राजस्थान के जोधपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक गाय अदालत में पेश हुई और तब जाकर जज ने फैसला सुनाया। यह पूरा मामला जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
मामला कुछ यूं है कि शिक्षक श्याम सिंह और कांस्टेबल ओमप्रकाश के बीच गाय के मालिकाना हक को लेकर अगस्त 2018 से ही विवाद चल रहा था। इस मामले को लेकर मंडोर थाने में केस दर्ज किया गया था। हालांकि थाना प्रभारी ने अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए थे।
थाना अधिकारी ने विवाद निपटारे के लिए गाय को बीच में खड़ा कर एक तरफ शिक्षक श्याम सिंह और दूसरी तरफ कांस्टेबल ओम प्रकाश को खड़ा किया था। इन दोनों से गाय को आवाज देने के लिए कहा गया था, लेकिन गाय ने दोनों की बातों को अनसुना कर दिया था।
बाद में एक पक्ष ने यह दावा किया था कि गाय जब दूध देती है तो वो अपना दूध खुद पीती है। इसके बाद गाय को मंडोर गौशाला में रखा गया था। साथ ही वहां पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया था, ताकि जब गाय दूध देने लगे तो यह देखा जा सके कि गाय अपना दूध खुद पीती है या नहीं? हालांकि बाद में यह तरीका भी फेल हो गया था।
इसी साल अप्रैल महीने में जब मामला अदालत तक पहुंचा तो उसे जज के सामने पेश किया गया। हालांकि इस मामले की सुनवाई के लिए न्यायधीश को अपनी कुर्सी से उठकर कोर्ट रूम के बाहर आना पड़ा। उसके बाद उन्होंने गाड़ी में खड़ी गाय के आसपास दोनों फरियादियों को खड़ा किया। फिर जज ने बारी-बारी से दोनों को गाय को पकड़कर सहलाने और घुमाने को कहा। इस दौरान न्यायाधीश ने इस पूरी प्रक्रिया को बड़े ही ध्यान से देखा। फिर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए गए।
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केस से जुड़े वकील के मुताबिक, इस मामले में गाय का भौतिक सत्यापन (फिजिकल आईडेंटिफिकेशन) भी किया गया था। अब जाकर अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए जज ने कहा, ‘पेश किए गए सभी साक्ष्यों के मुताबिक, गाय को कांस्टेबल ओमप्रकाश के हवाले कर दिया जाए’।