जानिए अंग्रेजो ने कैसे किया था भारत-पाकिस्तान का बंटवारा, और कैसे तय हुई दोनो देशों की सीमा

आज हम आपको हमारे देश के बंटवारे के इतिहास के बारे में बताएंगे कि कैसे अंग्रेजों ने हमारे देश के दो टुकड़े कर उसका बंटवारा किया । तो आइए बताते हैं आपको –

पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश है यह बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन कुछ लोगों के मन में अभी भी यह सवाल उठता है कि अंग्रेजो ने हमारे देश का बंटवारा कैसे किया और कैसे हमारे भारत और पाकिस्तान की सीमा को तय किया गया तो आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे कि दोनों देशों के विभाजन के समय उनकी सीमा कैसे तय की गई ।

दरअसल भारत देश के दो टुकड़े सीधे तौर पर धर्म के आधार पर हुए थे और पाकिस्तान धर्म के आधार पर ही एक अलग देश बना था पाकिस्तान के सबसे बड़े नेता मोहम्मद अली जिन्नाह ने बटवारे के समय यह कहा था कि हमने सभी की गुलामी से ली और अब हम हिंदुओं की गुलामी नहीं खेलेंगे हमें अपना अलग मुल्क चाहिए जिस पर सिर्फ हम मुस्लिमों का ही राज होगा और कोई उस देश पर राज नहीं कर सकेगा तो इसी आधार पर पाकिस्तान का जन्म हुआ जिसके बाद अंग्रेजों ने भी उनकी बात को माना लेकिन जब बात आई सीमा की तो दोनों देशों की सीमा भी आबादी के चलते ही तय की गई जिस राज्य में बहुमूल्य मुस्लिम आबादी थी वह पाकिस्तान में शामिल हुआ जैसे लाहौर इस्लामाबाद आदि और तीन राज्यों में हिंदू तथा दूसरे धर्मों के लोग रहते थे वह भारत में शामिल हुए ।

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अंग्रेजों ने यह पहले ही भाग लिया था कि भविष्य में इन दोनों देशों के रिश्ते कुछ ज्यादा अच्छे नहीं होंगे क्योंकि इन दोनों मुल्कों कब बटवारा धर्म के आधार पर हुआ था और जहां धार्मिक हिंसा होती है वहां कोई कुछ नहीं कर पाता आज भी यह दोनों देश अपने सीमा विवाद को लेकर उलझ में रहते हैं जिसका मुख्य कारण कश्मीर है ।

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