केरल की इन जगहों पर जाकर करें नेचर और एडवेंचर को एक्सप्लोर…

केरल एक ऐसी जगह जहां प्रकृति ने खूबसूरती की ऐसी छटा बिखेरी हुई है कि जहां भी नज़र घूमाएंगे वहां ही एक सरप्राइज मिलेगा। और यही वजह से कि यहां साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है। पहाड़ों, जंगल, झरनों और वाइल्डलाइफ से घिरे केरल में आज भी ऐसी कई सारी जगहें हैं जो लोगों के नज़रों से दूर हैं। तो अगर आप केरल जाकर अपने वेकेशन को एन्जॉय और रिलैक्स करने के साथ ही नेचर को करीब से एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो एक नजर डालते हैं यहां मौजूद ऑफबीट डेस्टनेशन्स पर….

मरारी बीच, अलप्पुजहा

अगर आप सोच रहे हैं कि नीले पानी और सुनहरी पीली रेत को निहारते हुए नारियल के झाड़ पर बंधे हैमोक यानी झूले पर आराम से लेटे हुए हॉलिडे मनाना शायद मॉरीशस या थाईलैंड में ही पॉसिबल होता होगा तो अलप्पुजहा आकर आपकी यह सोच गलत साबित हागी। आप यहीं अलप्पुजहा से मात्र 15 किलोमीटर उत्तर में एक शांत और खूबसूरत मरारी बीच पर यह आनंद ले सकते हैं। मरारी कोई आम बीच नहीं है।

इसे ‘हैमोक बीच’ भी कहा जाता है। ऐसा हम नहीं कहते, नेशनल जियोग्राफिक के एक सर्वे के अनुसार लोगों ने इसे दुनिया के पांच बेस्ट हैमोक बीच में से एक माना है। मरारीपुरम मछुआरों का गांव है। यहां बीच के पास ही आप मछुआरों के रोजाना किए जाने वाले कामों को देख सकते हैं। यहां बीच के नजदीक ही कई होम स्टे भी मौजूद हैं। अगर आप चाहें तो यहां रुककर विलेज सफारी का आनंद भी ले सकते हैं।

कैसे पहुंचें

यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल नहीं। मरारी बीच मरारीकुलम रेलवे स्टेशन के नजदीक ही है। आप ट्रेन से भी यहां तक पहुंच सकते हैं और अलप्पुजहा से टैक्सी या ऑटो लेकर भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

कुंडला, इडुक्की

मुन्नार के रास्ते से गुजरते हुए आपको जो खूबसूरत जगह दिखाई देगी वो है कुंडला। जिसकी खूबसूरती को दोगुना करने का काम करता है कुंडला लेक, जहां आप बोटिंग का मज़ा ले सकते हैं। मानवनिर्मित इस लेक के आसपास हरे-भरे चाय के बागानों की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। तो अगर आप मुन्नार आने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा वक्त निकालकर इस जगह को भी देखने जाएं।

कैसे पहुंचे

मुन्नार से कुछ ही किमी की दूरी पर बसा है अद्भुत कुंडला लेक।

अरीक्कल वॉटरफॉल्स, कोच्ची

साउथ इंडिया की एक और बेहतरीन जगह, जो एर्नाकुलम से बस 35 किमी की दूरी पर है। आसपास के लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं। रबड़ के पेड़ों से घिरे इस वॉटरफॉल का नज़ारा मानसून में और ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस जगह को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें।

कैसे पहुंचे

कोच्ची से एक घंटे की दूरी पर बसी है ये जगह। फन और एडवेंचर के लिए डे ट्रिप प्लान करें।

नेल्लियमपेथी, पलाक्कड़

पहाड़ों से गिरते सफेद पानी के झरने और आसपास फैली हरियाली आंखों को सुकून देने के साथ ही आश्चर्यचकित भी करते हैं। बेशक केरल आकर आपको ऐसा नज़ारा और भी देखने को मिले लेकिन कुछ चीज़ों को देखने का जो आनंद शांति में है वो लोगों से भरी भीड़ वाली जगह में नहीं। इस जगह तक पहुंचने का सफर भी बहुत ही सुहाना है।

वेकेशन को आराम से एन्जॉय करने के साथ ही एडवेंचर को एक्स्प्लोर करना चाह रहे हैं तो पालाक्क्ड़ के नेल्लियमपेथी आएं। जो खासतौर से संतरे की खेती और खूबसूरत चाय के बागानों के लिए जाना जाता है।

कैसे पहुंचे

ये खूबसूरत हिल स्टेशन, पालाक्क्ड़ रेलवे स्टेशन से महज 56 किमी ही दूर है। रेलवे स्टेशन के बाहर कैब, बस और टैक्सी लेकर आप यहां तक पहुंच सकते हैं।

कुम्बालांगी, कोच्ची

हम में से बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि कोच्ची का कुम्बालांगी, केरल का पहला इको टूरिज्म गांव है। जहां प्रकृति की अपार खूबसूरती नज़र आती है। साउथ इंडिया के ऑफबीच जगहों में शामिल ये डेस्टिनेशन आपके वेकेशन को बनाएगा और भी शानदार। इस गांव को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी कलाकार ने अपने रंगों से इसे सजाया है।

ढ़लते सूरज के साथ बैकवॉटर्स को देखने का एक्सपीरिएंस ही अलग होता है। यहां ठहरने के लिए कम लेकिन बहुत ही शानदार होमस्टे और गेस्टहाउस मिलते हैं जिन्हें आप आसानी से बुक करा सकते हैं।

कैसे पहुंचे

एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन से 14 किमी की दूरी पर स्थित इस जगह तक पहुंचने के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा मौजूद है।

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