किराये का घर करना चाहते है अपना, तो करे ये पूजा!

गृह प्रवेश का मतलब एक तरीके से अपना घर भी होता हैं.और अपना घर का मतलब आपकी वो दुनिआ जहा आप -अपने तरीके से अपने लोगो के साथ ख़ुशी-ख़ुशी रहते हैं. लेकिन कई बार देखा गया हैं. की ये खुशिया दुःख में जल्दी ही बदल जाती हैं. और हम तनाव में रहना शरू कर देते. हम इन समस्याओ का कारण तो खोजने की कोशिश करते हैं. लेकिन सही दिशा में हल नहीं खोजदे.तो अब आप पूछेंगे ये दिशा कोनसी हैं.

किराये का घर करना चाहते है अपना, तो करे ये पूजा!तो मैं आप को बता देता हूँ. मैं बात कर रहा हूँ. वास्तु की दोस्तों वास्तु हमारे घर के कण -कण में अपनी छाप रखता हैं,हमारे घर के स्थान के चयन से लेकर हमारे घर के दिशा ,कमरे की दिशा ,दरवाजो की दिशा आदि में वास्तु -शास्त्र पाया जाता हैं |
इसलिए अगर आपने ग्रह प्रवेश के वक्त वास्तु से सम्बंदित दिशा निर्देश पालन किये होते तो कभी वास्तु दोष आपके घर के आस पास नहीं भटकता. क्योंकी वास्तु ने कुछ ऐसी वास्तु टिप्स फॉर ग्रह प्रवेश का निजात किया हैं. जिससे हम अपना जीवन सुख से वयतीत कर सकेंगे. तो चलिए अपने सुखी जीवन के लिए आज वास्तु ग्रह प्रवेश पर कुछ जानकारी प्रपात करते हैं. जैसे की :-

griha pravesh procedure ;  ग्रह प्रवेश करते वक्त कौन-कौन सी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए ?
vastu dates for griha pravesh : हमे अपने घर में कोनसे शुभ दिन प्रवेश करे ?
griha pravesh in rented house : अगर आप ग्रह प्रवेश किराये के घर में रहना वाले हैं. तो उसमे ग्रह प्रवेश की पूजा का क्या तात्पर्य हैं
how to do griha pravesh pooja without priest : अगर ग्रह प्रवेश करना हैं. पंडित के बिना तो कैसे करे ?
sapoorva griha pravesh muhurat 2017
best month for griha pravesh : ग्रह प्रवेश करने का सबसे शुभ महीना
griha pravesh and vastu shanti puja : गृह प्रवेश और वास्तु शान्ति पूजा कैसे ?

आप को नीचे दिए गए निर्देश जरूर पालन करने चाहिए किसी नए स्थान पर रहना शुरू करने से पहले :

1. आपको सबसे पहले अपने पंडित के पास जाना चाहिए और वह तुम्हें सबसे अच्छी जानकारी और गृह प्रवेशं के समय के बारे में (हिन्दी में शुभ Muhuratam) बता देंगे.इसके अलावा एक दूसरा तरीका भी हैं जिस आप घर बैठे अपने पंडित बुक कर सकते हैं उसके लिए आपको www.panditbooking.com की साइट पर विजिट करना होगा.

2. आपके पंडित से नए स्थान पर पूजा करवानी होगी । यह पूजा आपके घर में आने वाले दिनों के लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, पंडित आपको पूजा की सभी आवश्यकताओं के बारे में सूचित कर देंगे…

3. इसके बाद आपको पंडित की बताई हुई पूजा सामग्री और सभी आवश्यकताओं का नए घर में रहने शरू करने से पहले पालन करना होगा.इसके बात पंडित ग्रह प्रवेश की पूजा आरम्भ करेंगे और दूसरी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करेगा जो भी उस समय की आवश्यकता होगी उसके अनुसार! अंत: में आप पंडित को कुछ दान भी कर सकते हैं

4.एक बाद का ध्यान रखे की परिवार के सभी सदस्य पूजा के समय उपस्थित हों ।

5. उत्तर भारत में, सभी लोगों ग्रह परवेश के समय में कन्या पूजन भी करते हैं। आप अपनी इच्छा और रिवाज के अनुसार पूजा करा सकते हैं पंडित जी रामायण पथ / श्री सत्य नारायण कथा / गणपति पथ आदि भी कर सकते हैं

अगर आपने धार्मिक गतिविधि का नई जगह में प्रवेश करने से पहले पालन करा तो फिर आप सुखी और शांतिपूर्ण जीवन अपने नए घर में शरू कर सकते हैं।

हिंदू धर्म में पूजा इतनी सरल नहीं हैं। इसमें एक विस्तृत व्यवस्था की जरूरत होती हैं और महत्वपूर्ण वैदिक शास्त्रों के ज्ञान की भी ,इसलिए लोग पंडित को चुनना ज्यादा अच्छा समझते हैं जोविशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित हुए होते है हालांकि, कुछ स्थितियों में, जहां एक ब्राह्मण या एक पंडित की उपलब्धता एक समस्या बन जाती है इसलिए , आप गृह प्रवेश पूजा सब अपने आप से कर सकते हैं। तो चलिए विस्तार में जानते हैं हर प्रक्रिया के बारे में!

हिंदू धर्म में पूजा इतनी सरल नहीं हैं। इसमें एक विस्तृत व्यवस्था की जरूरत होती हैं और महत्वपूर्ण वैदिक शास्त्रों के ज्ञान की भी ,इसलिए लोग पंडित को चुनना ज्यादा अच्छा समझते हैं जोविशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित हुए होते है हालांकि, कुछ स्थितियों में, जहां एक ब्राह्मण या एक पंडित की उपलब्धता एक समस्या बन जाती है इसलिए , आप गृह प्रवेश पूजा सब अपने आप से कर सकते हैं। तो चलिए विस्तार में जानते हैं हर प्रक्रिया के बारे में!

पहले हिन्दू पंचांग के अनुसार एक शुभ तिथि जाने |
एक बार तारीख तय हों जाए तो , घर की सफाई करे वा फूलों के साथ सजाए और प्रवेश द्वार पर एक रंगोली बनाए ।

घर में गणेश जी की मूर्ति जी के साथ ,अपने हाथ में लेकर, प्रवेश करे और घर के उत्तर-पूर्वी कोने पर उसे स्थापित करे ।

मूर्ति के सामने दो लाइट लैंप और उसे प्रसाद के रूप में मिठाई, फूल और फल प्रदान करे ।इसके साथ आप एक तांबे के बर्तन में गंगा जल या किसी अन्य नदी स्रोत से पानी भर कर मूर्ति के सामने रख सकते हैं। अगर आप इस अनुष्ठान का अनुसरण करे , तो ध्यान रहे की तांबे के बर्तन के मुंह पर चार आम की पत्तिया रखी हों और एक नारियल बर्तन के मुख पर रखे ।

घर के प्रवेश द्वार पर आम की पत्तियों की माला लगाए जिससे यह नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर रखे गी.

रसोई घर में एक एक गैस पर एक नए बर्तन में दूध उबाल और कुछ चावल डाले.एक बार जब ये उबाल जाए तो इसमें कुछ चीनी मिला सकते हैं और मेहमानों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाना चाहिए!

अब मूर्ति के सामने कुछ मंगल आरती गाये वा एक दीपक कपूर का भी जलाये । आप एक शंख या सिर्फ एक घंटी भी बजा सकते हैं इन दोनों का आसपास एक बहुत ही सुखद प्रभाव पड़ता है

इसके बाद आप पॉट से नारियल तोड़े और मेहमानों के लिए प्रसाद के रूप में इसे वितरित करे ! फिर बर्तन से पानी पूरे घर में छिड़के ,आम की पत्तियों के साथ.

आखरी पर मह्त्वपूर्ण ; कम से कम तीन दिनों के लिए अपने घर को पूजा के बाद खाली नहीं छोड़!

जैसे ही आपको घर का कबजा मिलता हैं उतनी जल्दी कलश पूजन आप को कर लेनीचाहिए लेकिन अपना घरेलू सामान घर में लाने से पहले कर लेनी चाहिए इसके अलावा यह पूजा किराये के घर के लिए भी उत्तम है। यह पूजा माकन में अपनी अच्छी और सुबह शुरवात के लिए की जाती हैं 

गॄह प्रवेश कलश Poojan   पंडित जी के साथ विचार-विमर्श करके एक शुभ दिन पर किया जाना चाहिए ।

गॄह प्रवेश पूजा के दिन उपवास रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि,आप अपने खाने की आदतों के आधार पर आप उपवास भोजन जैसे साबूदाना खिचड़ी, फल, दूध, फलों का रस आदि ले सकते है

पूजा से पहले स्नान ले , और माला आदि के साथ घर को सजाये .

.पूजा के लिए उपयुक्त अच्छा कपड़े पहनें जैसे ज़ब्बा पैजामा , धोतर ुपर्ने , कड ुपर्ने आदि … औरतो को साड़ी या पूजा के लिए अन्य उपयुक्त पसंद की अच्छी पोशाक पहनना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि साड़ी या पोशाक के किसी भी हिस्से में किसी भी लौ, अगरबत्ती आदि के साथ संपर्क नहीं होना चाहिए …

सभी पूजा सामग्री तैयार रखें। निम्नलिखित सामग्री पूजा के शुरू करने से पहले तैयार किया जाना चाहिए:

पंचामृत (दूध, घी, दही, शहद और चीनी का मिश्रण) लगभग। एक कटोरा।
Gud खोबरे के 3 सेट (गुड़ छोटा त्रिकोणीय टुकड़े सूखी नारियल के टुकड़े पर रखा)

मंच विधिवत तैयार करे और घी के साथ ,निरंजन के साथ सजाए गए तेल और अगरबत्ती (धूप छड़ी) रोशन करे .

Back to top button