यूपी चुनाव बाद ट्रिपल तलाक बैन पर बड़ा फैसला मुमकिन: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मोदी सरकार यूपी विधानसभा चुनावों के बाद ट्रिपल तलाक पर बैन की दिशा में बड़ा कदम उठा सकती है। यहां शनिवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसाद ने कहा कि यह परंपरा महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है और इस पर बैन लगाए जाने की जरूरत है।यूपी चुनाव बाद ट्रिपल तलाक बैन पर बड़ा फैसला मुमकिन: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, ‘यूपी विधानसभा चुनावों के बाद सरकार ट्रिपल तलाक पर बैन लगाने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है।’ प्रसाद के मुताबिक, केंद्र सरकार ‘समाज के कुरीतियों’ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रसाद ने यह भी कहा कि सरकार तीन बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला उठाएगी। 

प्रसाद के मुताबिक, ट्रिपल तलाक का मामला धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। यह मामला महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है। प्रसाद ने कहा, कि सरकार आस्था का सम्मान करती है, लेकिन इबादत और सामाजिक बुराई एक साथ नहीं रह सकती। प्रसाद ने कहा, ‘हम ही एक ऐसी पार्टी हैं, जो महिलाओं का सम्मान करती है। दूसरी पार्टियां न तो उन्हें अच्छी जगह देती हैं और न उनका सम्मान करती हैं।’ प्रसाद ने बीएसपी पर हमला करते हुए कहा कि उसे जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।

‘अखिलेश, राहुल और मायावती साफ करें रुख’
रविशंकर प्रसाद ने एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी मुखिया मायावती को ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा ‘मैं कहता हूं कि अखिलेश, राहुल और मायावती जी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें। बीजेपी ने घोषणापत्र में ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं से राय लेकर सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने का वादा किया है। ट्रिपल तलाक राजनीतिक रूप से तटस्थ मुद्दा है, लेकिन राहुल, अखिलेश और मायावती इस पर महिलाओं से कोई राय नहीं लेंगे, क्योंकि उन पर तुष्टीकरण की राजनीति हावी है।’

प्रसाद ने ट्रिपल तलाक को एक शोषणकारी प्रावधान बताते हुए कहा कि यह सवाल किसी ईमान या धर्म का नहीं बल्कि नारी न्याय, नारी समानता और नारी सम्मान का है। कोई भी कुप्रथा किसी आस्था का हिस्सा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामी देश ट्रिपल तलाक की प्रथा को समाप्त कर चुके हैं। वहां इसे शरीयत में दखलंदाजी नहीं माना गया। ऐसे में भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस रिवाज को खत्म किया जाना शरीयत के खिलाफ कैसे हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस और एसपी के गठबंधन को भ्रष्टाचार और अपराध का गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह हताशा में किया गया गठजोड़ है। इसे गंगा और यमुना का संगम बताया जाना इन नदियों की तौहीन है।

मुस्लिम महिलाओं को लुभाने की कोशिश?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, बीजेपी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं की सहानुभूति की अपेक्षा कर रही है। पिछले साल अक्टूबर में लखनऊ में अपने भाषण और दूसरे कुछ मौकों पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से इस मुद्दे का जिक्र किया। बीजेपी को उम्मीद है कि वह मुस्लिम महिलाओं का वोट पाने में सफल हो सकती है। यही कारण है कि इस मुद्दे को बीजेपी प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में ले जा रही है। हालांकि इसका नुकसान भी हो सकता है।
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