कांग्रेस में लगी इस्तीफों की झड़ी, अबतक 100 से ज्यादा इतने पदाधिकारियों ने छोड़ा पद
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़ गए. वहीं हाल ही में राहुल ने दुख जताया और कहा था कि उनके इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया. लेकिन अब कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है और करीब 120 पार्टी पदाधिकारियों ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा है.
लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी. इसके बाद कांग्रेस नेताओं के जरिए लगातार राहुल को मनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन अब पार्टी पदाधिकारी भी राहुल के साथ इस्तीफा देने पर अड़ गए हैं. कांग्रेस में एक पत्र पर हस्ताक्षर कर पार्टी नेताओं के जरिए इस्तीफा दिया जा रहा है. इस पत्र पर अभी तक कांग्रेस के 120 पदाधिकारी हस्ताक्षर कर चुके हैं. इसमें AICC सचिव, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस पदाधिकारी शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पर आगे और नेता भी हस्ताक्षर कर सकते हैं. पत्र में कहा गया है कि हम यहां राहुल गांधी के साथ सामूहिक इस्तीफा देंगे.
इस्तीफा देने में बड़े नेताओं में दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया भी शामिल है. इसके अलावा हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है.
इस्तीफा देने वालों की लिस्ट यहां देख सकते हैं-
इस्तीफा देने वाले पदाधिकारी
दरअसल, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मुझे इसी बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया. यूथ कांग्रेस के लोग राहुल गांधी के घर के बाहर एकत्रित हुए थे. मकसद था राहुल गांधी इस्तीफा न दें और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहें. राहुल गांधी के समर्थन में उनके घर के बाहर जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बैठे तो राहुल ने सभी को अपने घर पर आमंत्रित किया और उनसे अपने मन की बात की.
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बैठक में यूथ कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि सर (राहुल गांधी) ये सामूहिक हार है सबकी जिम्मेदारी बनती है तो सिर्फ इस्तीफा आपका ही क्यों? राहुल गांधी ने बड़ा मार्मिक जवाब देते हुए कहा, मुझे इसी बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे के बाद किसी मुख्यमंत्री, महासचिव या प्रदेश अध्यक्षों ने हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा नहीं दिया.