कांग्रेस ने अपने चुनावी फायदे के लिए यहां दिया हजारों को नौकरी का झांसा!

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चुनावी फायदे के लिए बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ‘ठग’ लिया!
कांग्रेस ने अपने चुनावी फायदे के लिए यहां दिया हजारों को नौकरी का झांसा!
 
11 माह पहले उत्तराखंड सरकार ने विभाग में पद सृजित न होने के बावजूद भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया। यही नहीं मनमानी करते हुए समूह ‘ग’ के पदों के लिए भर्ती के मानकों में भी फेरबदल कर दिया।

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इन सब अड़चनों के चलते 11 माह बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। इसमें आवेदन करने वाले 4800 से अधिक अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

एक हजार रुपये भी शुल्क के रूप में लिए गए थे

स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई 2016 में संविदा फार्मेसिस्ट के 600 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था।

आवेदन के साथ अभ्यर्थियों से एक हजार रुपये भी शुल्क के रूप में लिए गए थे। इन सभी संविदा फार्मेसिस्टों को दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्रों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में नियुक्ति देने का दावा किया गया था।

साथ ही समूह ‘ग’ के पदों पर लिखित परीक्षा के बजाय इंटरव्यू से भर्ती का दावा भी विज्ञप्ति में किया गया था। जबकि विभाग में ये 600 पद स्वीकृत ही नहीं हैं। वहीं प्रक्रिया और नियमावली बदलकर नियुक्ति करना भी आसान नहीं था।
 

उस विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्ति संभव नहीं

शुरुआत से ही भर्ती को लेकर संदेह जताया जा रहा था। अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि उस विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्ति संभव नहीं है। जिन नियमों के तहत भर्ती की बात कही गई है, वह नियमावली से अलग हैं। 

पिछली सरकार ने चुनावी फायदे के लिए बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दिया था। 11 माह बीतने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। अब 15 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने पर बेरोजगार प्रशिक्षित आंदोलन छेड़ेंगे। 
– मनोज त्रिपाठी, अध्यक्ष, बेरोजगार डिप्लोमा एलोपैथिक फार्मेसिस्ट एसोसिएशन

भर्ती प्रक्रिया सेवा नियमावली के अनुसार होनी है। विभाग में छह सौ पद स्वीकृत नहीं हैं। साथ ही उस समय जो विज्ञप्ति जारी की गई थी, उसमें नियुक्ति इंटरव्यू के आधार पर करने की बात कही गई। जबकि समूह ‘ग’ के पदों पर लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती होती है। इस पर निर्णय होने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। 
– डा. डीएस रावत, स्वास्थ्य महानिदेशक

 
 
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