कश्‍मीरी लड़कों द्वारा विरोध प्रदर्शन न किए जाने पर, विरोध जताने के कई वैध तरीके

 नेशनल कांफ्रेंस के फाउंडर दिवंगत शेख मोहम्‍मद अब्‍दुल्‍ला की पोती आलिया अब्‍दुल्‍ला ने शुक्रवार को जम्‍मू कश्‍मीर के लड़कों द्वारा विरोध प्रदर्शन न किए जाने और वहां बरकरार शांति पर खुशी जाहिर की लेकिन सरकार पर फारुक अब्‍दुल्‍ला को नजरबंद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की यह सोच बिल्‍कुल गलत है कि हिंसा के लिए नेताओं की ओर से लोगों को भड़काया जाता है। साथ ही उन्‍होंने दुख जताया कि राज्‍य में जारी लॉकडाउन के कारण वे उन परिजनों से भी नहीं मिल पा रहीं जो राजनीति में नहीं हैं।

वैध तरीकों से विरोध

जम्‍मू कश्‍मीर का विशेष दर्जा हटाने व इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर आलिया ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि कश्‍मीरी लड़के बाहर नहीं आए। इसके लिए वैध रास्‍ते हैं और सभी को शांति बनाए रखने की जरूरत है। मैं उम्‍मीद करती हूं कि जब सब खुल जाएगा तब भी लोग शांति बरकरार रखेंगे।’ हालांकि, उन्‍होंने क्षेत्र में लगी पाबंदियों पर चिंता जताई और कहा, ‘मुझे दुख इस बात का है कि यहां लॉकडाउन है और हमें अपने परिजनों तक से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है जो राजनीति में नहीं हैं।

फारुख अब्‍दुल्‍ला को नजरबंद करने का आरोप

जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री गुलाम मोहम्‍मद शाह की बेटी आलिया ने यह भी आरोप लगाया कि जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुख अब्‍दुला को नजरबंद किया गया और कहा कि सांसद होने के बावजूद उन्‍हें नजरबंद किया गया है। यह झूठ है कि उन्‍हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस बात के 12 दिन हो गए सरकार को अब छूट देनी चाहिए। मुझे विश्‍वास है कि भारत लोकतांत्रिक देश है और आपको लोगों के साथ चर्चा करने की जरूरत है। हम पर पाबंदियां नहीं होनी चाहिए।

दी सफाई कहा- गुपकर रोड से शांति बनाए रखने की हुई थी अपील

उन्‍होंने प्रशासन की उस मंशा को भी गलत ठहराया जिसके अनुसार, हिंसा के लिए नेता द्वारा लोगों को भड़काया जाता है। उन्‍होंने आगे कहा, ‘पॉश इलाके गुपकर रोड में तमाम पूर्व मुख्‍यमंत्रियों ने घोषणा पत्र जारी कर लॉकडाउन से मात्र एक दिन पहले लोगों से शांति बनाए रखने के लिए कहा। यह लोकतंत्र है और सरकार को इसे साबित करना होगा।’ बोलने के संवैधानिक अधिकार को रेखांकित करते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार को यह उम्‍मीद नहीं करनी चाहिए कि घाटी के नेता उनकी आवाज बोलेंगे और उनके विचारों का सम्‍मान करेंगे।

बता दें कि जम्‍मू कश्‍मीर में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्‍छेद 370 के प्रावधानों को हटा लिया गया है और उसे केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया है। इस फैसले का विरोध जम्‍मू कश्‍मीर की तमाम क्षेत्रीय पार्टियों की ओ से किया जा रहा है।

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