कश्मीर में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों की होने लगी गिनती

पुलिस विभाग समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में काम करने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है। सभी अपने कार्य क्षेत्र में रहने वाले श्रमिकों का ब्योरा जमा कर रहे हैं। जिन इलाकों में श्रमिक रह रहे हैं, वहां सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। बड़ी निर्माण योजनाओं में लगे श्रमिकों के लिए निर्माण एजेंसियों और बड़े ठेकेदारों को निर्माण स्थलों के आसपास ही सुरक्षित आवासीय और खाने की सुविधा मुहैया कराने को कहा है।

सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग और सुरक्षा एजेंसियां जुटा रहीं विवरण 

श्रमिकों के घाटी छोड़ने से विकास और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को टालने के लिए संबंधित प्रशासन ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर उनकी सुरक्षा पुख्ता करने के लिए विशेष प्रबंध करने को कहा है। इसके बाद ही सुरक्षा एजेंसियों ने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में रहने वाले दूसरे राज्यों के श्रमिकों का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। किस मोहल्ले में किसके घर में कितने बाहरी श्रमिक हैं, यह किस तरह का काम करते हैं और किस राज्य से हैं। कश्मीर में कितनी दिनों से आ रहे हैं। यह श्रमिक किसी ठेकेदार द्वारा लाए गए हैं या अपने स्तर पर आए हैं, जैसी जानकारियां जमा की जा रही हैं। इसके अलावा जहां भी बाहरी श्रमिक हैं, वहां उनकी संख्या और आतंकी गतिविधियों के आकलन के आधार पर उनकी सुरक्षा के लिए अस्थायी तौर पर चौकी बनाने को कहा गया है। साथ ही पुलिस व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के जवानों की गश्त को बढ़ाने को कहा गया है।

आतंकी हमलों के डर से घाटी छोड़ अपने घरों को लौटने लगे हैं श्रमिक

जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्य में पुनर्गठित किए जाने से हताश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ कश्मीर में आतंकी संगठनों को खूनखराबा करने का फरमान सुना रखा है। पूरे हिंदुस्तान में कश्मीरियों के प्रति आम लोगों में नफरत पैदा करने, घाटी में विकास की रफ्तार रोकने और हालात बिगाड़ने के लिए आइएसआइ के इशारे पर आतंकी संगठन दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बना रहे हैं। बीते 20 दिनों में आतंकी घाटी में दूसरे राज्यों के 11 लोगों की हत्या कर चुके हैं। इससे श्रमिकों में डर पैदा हो गया है और वह अपने घरों लौटने लगे हैं। इसी मंगलवार को ही आतंकियों ने कुलगाम में पश्चिम बंगाल के पांच श्रमिकों को मौत के घाट उतारा है।

एक सप्ताह में छह से सात हजार श्रमिक लौट चुके घरों को

हालांकि, राज्य प्रशासन ने बीते एक सप्ताह के दौरान कश्मीर से वापस घरों को जाने वाले श्रमिकों की संख्या का कोई ब्यौरा जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इनकी तादाद छह से सात हजार के बीच है। सूत्रों के अनुसार अगस्त के पहले सप्ताह में पूरी वादी से दूसरे राज्यों के करीब दस लाख श्रमिक और लोग अपने घरों को चले गए थे। हालात में बेहतरी के आधार पर सितंबर के दूसरे पखवाड़े में श्रमिकों की आमद शुरू हुई थी जो 20 से 25 हजार तक ही पहुंची थी कि वह फिर से लौटने लगे।

सात सौ श्रमिकों को कस्बों में लाया गया

सूत्रों की मानें तो दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, बिजबिहाड़ा, शोपियां और पुलवामा में करीब सात सौ श्रमिकों को भीतरी इलाकों से जिला मुख्यालय व अन्य कस्बों में कथित तौर पर लाया गया है। दूरदराज के इलाकों में काम की तलाश में पहुंचे श्रमिकों को कथित तौर पर सलाह दी गई है कि वह प्रयास करें कि उन्हें रहने के लिए निकटवर्ती प्रमुख कस्बे या जिला मुख्यालय में ही बंदोबस्त करें। शाम को अंधेरा होने के बाद घरों से बाहर निकलने से बचें।

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