कश्मीर मुद्दों को लेकर फंस गए पाक पीएम इमरान खान, दिया अजीब जवाब…

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले और नागरिकता कानून लागू करने को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से मोदी सरकार को घेरा है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने जर्मन ब्रॉडकास्टर डैचे वैले (DW) को दिए इंटरव्यू में कश्मीर, चीन के उइगर मुस्लिम, ईरान-सऊदी संघर्ष समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत की.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने DW से कहा,  भारत और इसके पड़ोसी देशों के लिए त्रासदी है कि देश को महात्मा गांधी की हत्या करने वाला संगठन आरएसएस चला रहा है. कश्मीर मुद्दे पर इमरान खान ने कहा, यह दुखद सच्चाई है कि दुनिया ने कश्मीर के संघर्ष पर ध्यान नहीं दिया. आप हॉन्गकॉन्ग प्रदर्शनों को मिल रही मीडिया कवरेज को देखिए जबकि कश्मीर की त्रासदी इससे कहीं ज्यादा बड़ी है.

कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन नहीं मिलने से अलग-थलग पड़े इमरान खान ने कहा, दुर्भाग्य से पश्चिमी देशों के लिए व्यावसायिक हित ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. भारत एक बड़ा बाजार है और यही वजह है कि कश्मीर व भारत के अल्पसंख्यकों के साथ जो कुछ हो रहा है, उस पर बिल्कुल ठंडी प्रतिक्रिया मिल रही है…रणनीतिक तौर पर भी भारत चीन को काउंटर करने के तौर पर देखा जाता है इसलिए दो संघर्षों के प्रति दुनिया का बिल्कुल अलग नजरिया दिखता है.

पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के सवाल पर इमरान खान ने कहा, यह पता करना बहुत आसान है. हम दुनिया भर से लोगों को पाकिस्तान की तरफ वाले कश्मीर (PoK) में आमंत्रित करते हैं और फिर वे भारत के हिस्से वाले कश्मीर जाएं. उसके बाद फैसला करें. हमारे कश्मीर में पारदर्शी और उचित तरीके से चुनाव होते हैं और लोग खुद अपनी सरकार चुनते हैं हालांकि किसी भी प्रशासन की तरह उनकी भी अपनी समस्याएं हैं. जैसा मैंने कहा है कि दुनिया भर के पर्यवेक्षकों को बुलाया जाए लेकिन मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि वे पाकिस्तान तो आ सकते हैं लेकिन भारत से उन्हें अनुमति नहीं मिलेगी.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया भर के मुस्लिमों के लिए आवाज उठाते हैं लेकिन चीन की उइगर मुस्लिमों के साथ अत्याचार पर बिल्कुल चुप्पी साध लेते हैं. उनके इस दोहरे रवैये पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं. इस इंटरव्यू में भी इमरान खान ने उइगरों के साथ चीन के बर्ताव पर सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलने का बचाव किया.

यह भी पढ़ें: पीएमसी घोटाला: बॉम्बे HC के खिलाफ SC गए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता

उन्होंने कहा, पहली बात तो चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ जो कुछ हो रहा है, उसकी कश्मीर के पैमाने से तुलना ही नहीं की जा सकती है. दूसरी बात, चीन हमारा अच्छा दोस्त रहा है. सरकार जब आर्थिक संकट का सामना कर रही थी तो चीन ने मुश्किल वक्त में हमारी मदद की. इसीलिए हम चीन के बारे में निजी तौर पर बातचीत करते हैं, सार्वजनिक तौर पर नहीं क्योंकि ये संवेदनशील मुद्दे हैं.

डैचे वैले के एडिटर इनेस पोहल ने इमरान से सवाल किया कि आप कश्मीरी लोगों के लिए आजादी की वकालत करते हैं लेकिन क्या आपको नहीं लगता है कि दुनिया तब आपकी मांगों पर ज्यादा ध्यान देगी जब आप पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विरोध-प्रदर्शनों को अनुमति दें. इस पर इमरान ने कहा कि कश्मीर के लोगों को फैसला करने दीजिए. पाकिस्तान जनमत संग्रह के लिए तैयार है. उन्हें फैसला करने दीजिए कि वे पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं या आजाद होना चाहते हैं.

इमरान खान ने कहा कि जर्मनी और यूरोपीय संघ भारत को रोकने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है. जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल से भारत में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर मेरी बातचीत हुई थी जिसके बाद उन्होंने भारत दौरे में एक बयान भी जारी किया था.

इमरान खान ने अफगान शांति वार्ता को लेकर भी बातचीत की. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हम शांति प्रक्रिया की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि अमेरिका-तालिबान वार्ता सफल हो. अफगानिस्तान में शांति वार्ता से पश्चिम एशिया के साथ व्यापार करने के मौके बढ़ेंगे. अफगानिस्तान हमारे लिए आर्थिक कॉरिडोर बन जाएगा. अगर अफगानिस्तान में शांति होती है तो हमारे सीमाई प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा.

ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव पनपा हुआ है. पाकिस्तानी पीएम ने ईरान-अमेरिका तनाव पर कहा, ये सच है कि हम एक संघर्षयुक्त पड़ोसी देशों के बीच रह रहे हैं और हमें संतुलित रवैया अपनाना होगा. उदाहरण के तौर पर, सऊदी अरब पाकिस्तान के सबसे करीबी दोस्तों में से एक है और वह हमेशा हमारा साथ देते आया है. ईरान की बात करें तो उसके साथ भी हमारे अच्छे रिश्ते रहे हैं. इसलिए सऊदी अरब और ईरान के बीच किसी भी तरह का सैन्य संघर्ष पाकिस्तान के लिए विंध्वसंक साबित होगा. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि दोनों देशों के रिश्ते और ना बिगड़े. मध्य-पूर्व एक और संघर्ष झेलने की स्थिति में नहीं है.

Back to top button