कलराज मिश्र ने कहा-एक राष्ट्र, एक जन और एक संस्कृति मेरी विचारधारा है…

राजस्थान के राज्यपाल पद की सोमवार को शपथ ग्रहण करने के बाद कलराज मिश्र ने कहा कि एक राष्ट्र, एक जन और एक संस्कृति मेरी विचारधारा है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय भी इसी विचारधारा का हिस्सा है। यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। अब मेरा दायित्व पूर्णत: संवैधानिक है। मैं बिना दल वाला व्यक्ति हूं, जितनी भी संस्थाओं से मैं जुड़ा हुआ था, उनसे भी इस्तीफा दे दिया। अब मैं बिना दलगत भेदभाव के संविधान की रक्षा करते हुए काम करूंगा। संविधान की मर्यादा का पालन और उसको संरक्षित करने का प्रयास करूंगा। पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की तर्ज पर कलराज मिश्र ने भी कहा कि महाहिम के बजाय मुझे माननीय कहा जाए तो अच्छा होगा। महामहिम के संबोधन से बचना होगा, जनता से दूरी अच्छी बात नहीं है। उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर की परंपरा को भी बंद करने की बात कही।

मैं यहां विश्राम करने नहीं आया

राज्यपाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं यहां विश्राम करने नहीं आया हूं, अभी सक्रिय हूं अभी किसी नौजवान की तरह काम कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद पर रहते हुए प्रदेश में नशा मुक्ति, आदिवासी कल्याण, शिक्षा के प्रचार-प्रसार, युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा एक कहावत सुनी है कि जहां ना पहुंची बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी। दुनियाभर में राजस्थान के लोग व्यापार के सिलसिले में गए हुए हैं, उनका सहयोग लेकर यहां विकास करने का काम हाथ में लिया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत और उनके मंत्रियों द्वारा किए गए स्वागत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सभी ने मेरा अच्छा सत्कार किया है, जबकि मैं उनके दल का नहीं था। मैं उनके स्वागत से अभिभूत हूं।

इससे पहले कलराज मिश्र ने सोमवार को राजस्थान के 41वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस.रविंद्र भट्ट ने मिश्र को राज्यपाल के पद की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने मिश्र की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी संदेश पढ़ा। शपथ के बाद राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया ।

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और बिहार के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ  पहाड़िया सहित भाजपा के कई नेता मौजूद रहे।

आम आदमी की तरह मंदिर गए मिश्र

सोमवार को राज्यपाल पद की शपथ लेने से पहले कलराज मिश्र ने जयपुर के मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में अपनी पत्नी सत्यवती मिश्रा के साथ पूजा-अर्चना की। कलराज मिश्र आम आदमी की तरफ राजभवन से मंदिर तक पहुंचे। कलराज मिश्र जैसे ही राजभवन के अतिथिगृह से मंदिर जाने के लिए बाहर निकले तो उन्होंने अशोक स्तंभ लगी गाड़ी में बैठने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि हमें लोगों की सुविधा का ध्यान रखना है, इसलिए साधारण गाड़ी लगाओ। कलराज मिश्र ने पुलिस जाब्ता साथ लेने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद वे इनोवा कार में अपनी पत्नी के साथ मंदिर के लिए रवाना हुए और प्रत्येक लालबत्ती पर रुके। इस दौरान लोगों ने उन्हें देखा तो कलराज मिश्र ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मंदिर से राजभवन तक वापसी भी उन्होंने इनोवा कार में ही आम आदमी की तरह की।

कल्याण सिंह को विदाई

राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह सोमवार सुबह जयपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुए। यहां एयरपोर्ट पर चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग,विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने विदाई दी।

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