कंपनियां भेज रही हैं जरूरी मेल, इग्‍नोर किया तो होगा ये हाल…

आमतौर पर नौकरीपेशा लोग व्‍यस्‍तता की वजह से या जानबूझकर कंपनी की तरफ से आने वाले ई-मेल को इग्‍नोर कर देते हैं. लोगों को लगता है कि कंपनियां सिर्फ बर्थडे कार्ड या न्‍यू- ज्‍वाइनिंग के मेल ही भेजती हैं. लेकिन आने वाले दिनों में आपको इस आदत की वजह से बड़ा नुकसान हो सकता है.

दरअसल, कंपनियों की ओर से इन दिनों एक खास मेल भेजा जा रहा है. अगर इस मेल को आपने इग्‍नोर कर दिया तो आपकी सैलरी भी कट सकती है. ऐसे में जरूरी है कि इन दिनों कंपनी की ओर से भेजे जाने वाले मेल को ध्‍यान से पढ़ें. बहरहाल, आज हम इस रिपोर्ट में उस खास मेल के बारे में बताने जा रहे हैं.  

क्‍या है मेल 

वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले सभी प्राइवेट कंपनियों में इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने के लिए ई-मेल आने शुरू हो गए हैं. कई कंपनियों में कर्मचारियों के पास मेल आ चुके हैं तो कई कंपनियों के अकाउंट डिपार्टमेंट की ओर से मेल भेजे जाने की तैयारी हो रही है.

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दरअसल,  वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले सभी प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों से इन्वेस्टमेंट प्रूफ की एक कॉपी मांगती हैं.  इसके जरिए वह आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इंवेस्टमेंट की जानकारी लेती हैं. कंपनी ऐसा आपको टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए ऐसा करती हैं. 

कर्मचारियों को क्‍या देना होगा  

अगर आप कंपनी के कर्मचारी हैं तो इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर आपको अपने लाइफ या हेल्थ पॉलिसी या फिर टैक्‍स सेविंग निवेश की रसीद देती पड़ेगी. इसके अलावा अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो कंपनी में किराए के घर की रसीद जमा करानी होती है. अगर आप 8 हजार रुपये से ज्यादा मकान का किराया देते हैं तो एचआरए भरकर टैक्स सेविंग कर सकते हैं. वहीं अगर आपने होम लोन ले रखी है तो इससे जुड़े दस्‍तावेज भी कंपनी को देने होंगे.

अगर मेल नहीं देखा तो  

अगर आपने कंपनी की ओर से मांगी गई इन्‍वेस्‍टमेंट प्रूफ के मेल को इग्नोर कर दिया तो टैक्स काटने के बाद ही सैलरी आपके बैंक अकाउंट में आएगी. कहने का मतलब ये है कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी सैलरी ना कटे तो समय पर अपने सभी प्रूफ जमा करा दें.  बता दें कि अगर आपकी सालाना इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो वह टैक्स के दायरे में आता है. इसमें सैलरी के अलावा अन्य सोर्सेज से हुई इनकम भी शामिल होती है. 

 

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