उपवास के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, रहेगे बिलकुल फिट…

आज से माता के नवरात्र का के दिन शुरू हो गए हैं और हर घर में कोई न कोई व्यक्ति उपवास तो जरूर रखता है। आपको बता दें कि, उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को परिष्कृत करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति मधुमेह (Diabetes) और High Blood Pressure के रोगी हैं, तो उपवास रखते समय उसे सावधानी बरतनी चाहिए। उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, लेकिन उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं के बारे में सावधानी से विचार करने के बाद ही उपवास निर्णय लें। इसके लिए डॉक्टर से भी सलाह अवश्य लें।

ऐसे लोग न रखें व्रत

डायबिटीज के रोगी और जिन लोगों की ब्लड शुगर अनियंत्रित है, उन्हें उपवास नहीं रखना चाहिए। वहीं जो लोग इंसुलिन लेते हैं, उन्हें भी नवरात्र में व्रत नहीं रखना चाहिए।

रख सकते हैं व्रत

आहार और व्यायाम के माध्यम से अच्छी तरह से संतुलित टाइप-2 डायबिटीज में उपवास से जुड़ी समस्याओं के होने का खतरा कम होता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति उपवास रख सकते हैं। वहीं दवाओं से डायबिटीज नियंत्रित रखने वाले लोग बिना किसी संकोच के साथ नवरात्र का व्रत रख सकते हैं।

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बचें Low sugar से

व्रत के दौरान बहुत से लोग लंबे समय तक भोजन के बगैर रहते हैं। यह स्थिति डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए Low sugar (Hypoglycemia) का कारण हो सकती है। Low sugar के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। Low sugar हो जाने पर शहद, ग्लूकोज या चीनी लेने से शुगर के स्तर को ठीक भी किया जा सकता है, परंतु कभी-कभी Low sugar होने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसीलिए मधुमेह से ग्रस्त लोगों को व्रत के दौरान भी हर तीन-चार घंटे पर कुछ खाना आवश्यक है। लो शुगर के लक्षण आमतौर पर 70 एमजी/ डीएल से कम के शुगर लेवल होने पर आते हैं। ये लक्षण हैं अचानक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, हाथों और पैरों में कंपन आदि।

High sugar

(हाइपरग्लाइसीमिया) उपवास रखने से रक्त में शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा होता है। तमाम लोग व्रत में इंसुलिन लगाना और दवा खाना छोड़ देते हैं। इस कारण रक्त शर्करा बढ़ जाती है। नवरात्र के दौरान खाए जाने वाले आहार में फैट (वसा) और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में होता है, जैसे आलू, साबूदाना और तले हुए खाद्य पदार्थ आदि। इस प्रकार का खाना रक्त शर्करा बढ़ा देता है।
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डीहाइड्रेशन (Dehydration) से बचें

डायबिटीज वालों को High blood sugar के अलावा Dehydration का खतरा अधिक रहता है। इसलिए व्रत में तरल पदार्थ जैसे- नारियल पानी, नींबू पानी और लस्सी लेते रहना चाहिए।

डीहाइड्रेशन (Dehydration) के लक्षण कैसे पहचानें

अधिक थकान, असामान्य प्यास, असामान्य रूप से गाढ़े रंग की पेशाब होना, सांस लेने में तकलीफ आदि Dehydration होने के लक्षण होते हैं। अगर आपको भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

उपवास रखने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। डॉक्टर आपकी दवा की खुराक में परिवर्तन की सलाह दे सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं की खुराक के बारे में भी सलाह लें। गौर करने वाली बात ये है कि, डॉक्टरी सलाह के बिना कभी भी दवा न छोड़ें।
एक समय पर थोड़ा खाएं और हर तीन से चार घंटे में कुछ न कुछ खाएं।
ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं, जो ब्लड शुगर को ज्यादा न बढ़ाए और आपका पेट भी भरे, जैसे लौकी,कूटू का चीला, खीरे का रायता, पनीर, मौसमी फल, नारियल पानी और सांवा के चावल। सांवा के चावल फाइबर और विटामिंस के उच्च स्रोत हैं। वहीं डायबिटीज से ग्रस्त लोग नियमित अंतराल पर फल, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना आदि खा सकते हैं।

नियमित शुगर जांच

उपवास के दौरान डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर की जांच दिन में तीन से चार बार करना आवश्यक है। यह सुझाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो दवा या इंसुलिन लेते है।

fatty foods से करें परहेज

कुछ लोग नवरात्र में उपवास के बहाने तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़, पूड़ी आदि का सेवन बढ़ा देते हैं। इन सब में फैट और नमक की मात्रा अधिक होती है और फाइबर कम होता है। ऐसा खानपान डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदेह है।
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नमक की संतुलित मात्रा

नवरात्र के दौरान अनेक लोग नमक वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। 8 या 9 दिन तक नमक के बगैर रहने से आप कमजोरी महसूस करेंगे और ब्लड प्रेशर सामान्य से नीचे गिर सकता है। नवरात्र के दौरान सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है, परंतु चिप्स और नमकीन न लें।

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