उन्नाव रेप कांड : इन 5 दरिंदो ने पीड़िता को जिंदा जलाया था, जानिए पूरा मामला…

up के उन्नाव में साथ जीने मरने की कसमें खाकर आरोपित दो साल तक पीड़िता का शारीरिक शोषण करता रहा। पीड़िता ने जब शादी की बात कही तो तीन लाख रुपये का लालच देकर रास्ते से हटने का दबाव बनाया। पीड़ित परिवार नहीं माना तो आरोपित पक्ष ने बिहार थाने की पुलिस से भी दबाव बनवाया। पीड़िता नहीं टूटी और डटकर मुकाबले को तैयारी हो गई। आरोपित को जेल भिजवा दिया। जेल से छूटने पर उसने जान लेने की कोशिश की। इस मामले के सभी पांच आरोपियों के चेहरे सामने आ गए हैं।

18 जनवरी 2018 को रायबरेली कोर्ट में पीड़िता और आरोपित शिवम त्रिवेदी ने शादी के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। अनुबंध में लिखा गया था कि शादी के बाद वह लड़की का पूरा ख्याल रखेगा। उसे हर्जा, खर्चा देगा। उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी शिवम की है। अनुबंध के कुछ दिन बाद ही सारी कसमें टूट गईं। पीड़िता को अकेला छोड़कर शिवम ला गया। फिर क्या था। पीड़िता ने अपना हक मांगा तो उसने धमकी दी। गांव में पंचायत हुई तो शिवम के घरवालों ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि रुपये ले लो और शिवम को छोड़ दो। सूत्रों की माने तो आरोपित परिवार पीड़िता को 3 लाख रुपये हर्जाना देने  की बात कर रहे थे। प्रधान के घरवालों का कहना था कि इन रुपयों से दूसरी शादी कर लेना। 

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पीड़िता ने कहा कि वह शिवम की पत्नी बनकर नहीं रहना चाहती, बल्कि वह सिर्फ बहू होने का हक मांग रही है। शिवम के घरवाले तैयार नहीं थे। पूरे गांव में तमाम लोग दबाव बना रहे थे। पीड़िता रुपये के लालच में नहीं आई और शिवम के साथ रहने की   बात पर अड़ी रही। यह बातें आरोपितों को नागवार गुजरी। उन्होंने अधिक दबाव बनाया तो पीड़िता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आरोपित को जेल हुई तो सभी आग बबूला हो गए। मौका पाते ही पीड़िता को रास्ते से हटाने का प्रयास किया। 

पीड़िता के चाचा चौकी पहुंचे, बताया आरोपित के रिश्तेदार धमका रहे हैं

गैंगरेप पीड़िता के चाचा परिवार सहित गंगाघाट कोतवाली के एक मोहल्ले में रहते हैं। शुक्रवार सुबह वह गंगाघाट चौकी पहुंचे और पुलिस को बताया कि आरोपितों के रिश्तेदारों ने घर पहुंचकर केस वापस लेने की धमकी दे रहे हैं। कोतवाली प्रभारी ने इस बाबात आलाधिकारियों को सूचित किया। इसपर एसडीएम सदर और सीओ सिटी कोतवाली पहुंचे और पीड़िता के चाचा से बात की। पहले उन्होंने बताया कि शुक्रवार को आरोपितों के रिश्तेदार घर आए थे। दोबारा कहा, नहीं रविवार को आए थे। पुलिस ने चाचा और उनकी पत्नी से पूछताछ कर रही है। 

देर शाम गांव पहुंचे एसडीएम व एएसपी 
गांव में दूसरे दिन सुबह से शाम तक पुलिस अलर्ट रही और शांति व्यवस्था कायम है। देर शाम एसडीएम दया शंकर पाठक और एएसपी विनोद कुमार पाण्डेय से कस्बा बिहार का पैदल गश्त कर जनता में सुरक्षा का अहसास करवाया।

गांव में एहतियात के तौर पर फोर्स तैनात 
डीएम देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि ऐसे मामलों में अशांति फैलने की आशंका रहती है। इस वजह से आरोपितों को भारी पुलिस फोर्स की देखरेख में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए गांव में फोर्स तैनात है।

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