करीब 12 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय हो गया। भूकंप की तीव्रता 3.5 रिक्टर मापी गई। दोनों झटकों का केंद्र जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर डुंडा था। भूकंप के झटके उत्तरकाशी, भटवाड़ी, जोशियाड़ा, ज्ञानसू, डुंडा, चिन्यालीसौड समेत अन्य क्षेत्रों में महसूस किए गए। भयभीत लोगों ने नाते-रिश्तेदारों व परिचितों को फोन कर भी भूकंप के झटके महसूस होने की जानकारी दी।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जिलाधिकारी डा.आशीष आशीष चौहान ने वायरलेस व दूरभाष से सभी तहसीलों से जानमाल की सूचना ली। अभी तक जनपद में किसी प्रकार की जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है। जिलाधिकारी ने आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिला चिकित्सालय में एम्बुलेंस आदि को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
दो माह पहले भी महसूस किए थे भूकंप के झटके
इससे पहले 5 जनवरी को भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तराखंड में धारचूला के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल के बैतड़ी और धारचूला में रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां धारचूला में रात 9.46 बजे और बैतड़ी और दार्चुला में रात 10 बजकर एक मिनट (नेपाल के समय के अनुसार) पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप मापन केंद्र सुर्खेत के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर चार आंकी गई थी। भूकंप का केंद्र बिंदु दार्चुला सदरमुकाम के दक्षिण पश्चिम में 29 किमी भारत में था।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 4 दिसंबर 2018 की सुबह भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे। इस भूकंप का केंद्र यमुना नगर हरियाणा दर्ज किया गया था। हालांकि आईएमडी उत्तरकाशी में भूकंप की पुष्टि नहीं की। लेकिन लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे। बड़कोट क्षेत्र में सुबह करीब 6.23 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। आईएमडी के अधिकारियों का कहना था कि भूकंप के झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 मापी गई।