इस शख्स ने 750 लोगों को दिलाई सरकारी नौकरी, ऐसे करता था जबरदस्त सेटिंग

पांच राज्यों में साम्राज्य स्थापित करने वाले कुख्यात नकल माफिया अरविंद राणा ने एक दशक में करीब साढ़े सात सौ से ज्यादा लोगों को रुपये लेकर सरकारी नौकरियां दिलाईं। पुलिस पूछताछ में खुद उसने साढ़े तीन सौ नौकरियों के बारे में कुबूल किया है। सैकड़ों भर्तियों के बारे में उसे ठोस जानकारी नहीं है।

वर्ष 2013 में लखनऊ में एसएससी एमटीएस ( SSC MTS ) का पेपर लीक करके उसने 50 लड़के भर्ती कराए। दिल्ली में कश्मीरी गेट स्थित टैगोर निकेतन स्कूल से पेपर आउट कराकर 30 से ज्यादा लड़कों को परीक्षा दिलवाई। लिखित परीक्षा में 22 सफल हुए। अंतिम चयन में 10 छात्र ही निकल पाए। प्रत्येक छात्र से 6-6 लाख रुपये वसूले गए। लखनऊ के तालकटोरा और दिल्ली की द्वारिका क्राइम ब्रांच में इस संबंध में केस भी दर्ज है।

वर्ष 2013 में ही उसने मुजफ्फरनगर में रेलवे जीडी ( Railway GD ) का पेपर लीक कराया। एक दिन पहले ही पर्चा बांटकर करीब 50 छात्रों को परीक्षा दिलाई। प्रत्येक छात्र से ढाई से तीन लाख रुपये लिए गए। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना थाने में इसका मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2014 में आयुध भंडार का पेपर एक पीटीआई के जरिये लीक कराया। नौ लोगों से सात-सात लाख रुपये देकर उन्हें भर्ती कराया।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में क्लर्क ( FCI Clerk ) पद पर 30 भर्तियां कराने की बात अरविंद राणा ने कुबूली है। इसकी एवज में उसने प्रत्येक से 5-5 लाख रुपये वसूले थे। साल-2011 और 2018 में अरविंद ने उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर सॉल्वर बैठाए। मेरठ में 23 सॉल्वर पकड़े भी गए। थाना कंकरखेड़ा में इसका मुकदमा दर्ज है, जिसमें अरविंद राणा वांटेड था।

गिरफ्तार होने के बाद एसटीएफ डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने एक कागज-पेन अरविंद राणा को दिया। इस पर लिखकर उसने करीब साढ़े तीन सौ भर्तियां कराने की बात कुबूली है। बाकी भर्तियों के बारे में उसे पूरी जानकारी नहीं है। एसटीएफ मान रही है कि साढ़े सात सौ से ज्यादा युवकों को अरविंद पिछले एक दशक में सरकारी विभागों में भर्ती करा चुका है।

बृजेश कुमार सिंह (डीएसपी, एसटीएफ मेरठ) ने कहा- नकल माफिया अरविंद राणा ने कुछ भर्तियों के बारे में जानकारी दी है। पता कराया जा रहा है कि इस तरह नौकरी पाने वाले कौन-कौन लोग थे। नाम-पता मालूम चलते ही उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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