इस राज्‍य में सो रही कांग्रेस सरकार, एक महीने में मर गए 77 बच्‍चे

कोटा। देश को सबसे ज्यादा डॉक्टर देने वाली कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर कोटा की चिकित्सा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। कोटा के जेके लॉन अस्पताल में महज 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत से जयपुर से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है। मासूम बच्चों की मौत को लेकर सियासत भी गरमा गई है। राजनीतिक पार्टियों के बीच इस पर बयानबाजी और ट्वीटर वार शुरू हो चुका है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया कोटा पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक की। उसके बाद देर रात जेके लॉन अस्पताल अधीक्षक डॉ. एच एल मीणा को हटा दिया गया। उनकी जगह डॉ. सुरेश दुलारा को नया अधीक्षक बनाया गया है। बता दें कि जेके लॉन अस्पताल में दिसंबर महीने में अभी तक 77 बच्चों की मौत हो चुकी है।

चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने कलेक्टर ओम प्रकाश कसेरा, अस्पताल अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से तमाम पहलुओं पर चर्चा करने के बाद बताया कि बच्चों की मौत की जांच 48 घंटे में पूरी कर ली जाएगी।

इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर के आवश्यक सुविधाओं में सुधार के लिए टीम भावना से काम करें। गालरिया ने अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद तत्काल कुछ निर्णय लिए हैं ताकि व्यवस्थाओं में सुधार हो सके।

इस मसले को लेकर बीजेपी के स्थानीय नेता राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं कोटा से सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चिंता जताते हुए ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार इस मामले में फौरन कार्रवाई करे।

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने राहुल गांधी पर 10 बच्चों की मौत पर तंज कसते प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। जबकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए हैं।  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। वो शनिवार को अस्पताल का दौरा करेंगे।

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