इस महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स को इसे पिलाना पड़ा 5 लीटर शराब, वजह जानकर दुनिया हैरान…

ऐसा कई बार हो चुका है, कि कुछ लोगों को ऐसी बीमारी हुई जिसके इलाज के लिए डॉक्टर को हैरतअंगेज तरीके अपनाने पड़े। कुछ दिनों पहले एक महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर ने उसके शरीर में 5 लीटर शराब डाली। इंजेक्शन के माध्यम से उसके शरीर में शराब डाली गई ताकि उसकी जान बचाई जा सके। 

लीवर की थी समस्या

शराब पीने से लीवर की समस्या होती है लेकिन इस रोगी को लीवर की एक ऐसी समस्या थी, जिसे ठीक करने के लिए शराब पिलाई गई। डॉक्टर के मुताबिक रोगी के लीवर का मेथनॉल लेवल बहुत अधिक हो गया था। आम इंसान के लिवर में मेथनॉल की जितनी मात्रा पाई जाती है उससे हजार गुना अधिक मेथनॉल इस आदमी के लीवर में जमा हो गया था। यह रोगी वियतनाम का रहने वाली है तथा उसकी तबीयत बीते कुछ दिनों से बिल्कुल ही बिगड़ गई थी। लीवर की जांच करने पर यह मामला सामने आया। इस महिला का नाम गुयेन वानन्हाट है तथा सेंट्रल वियतनाम के एक हॉस्पिटल में शराब  की 15 कैन का डोज दिया गया।

मेथनॉल आर इथेनॉल पाए जाते हैं शराब

रोगी के शरीर में मेथनॉल की मात्रा बहुत अधिक हो गई थी तथा इसे कम करने के लिए शराब का डोज दिया गया। शराब में इथेनॉल और मेथनॉल दोनों घटक पाए जाते हैं तथा इसे पिलाने से सबसे पहले हमारे शरीर में एथेनॉल की मात्रा बढ़ने लगती है। रोगी के शरीर में मेथनॉल की मात्रा को कम करने के लिए शराब के माध्यम से उसे एथेनॉल का भारी डोज दिया गया जिसके कारण उसकी स्थिति सामान्य हो गई। 

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सचेतता के साथ किया गया कार्य

महिला को हर एक घंटे बियर का इंजेक्शन दिया जा रहा था। समय-समय पर बीयर का इंजेक्शन देने के अलावा सभी तरह की मशीनों से उसकी जांच भी की जा रही थी। इतनी भारी मात्रा में अगर किसी को शराब पिला दिया जाए, तो उसकी जान जा सकती है। यही कारण है कि डॉक्टर पूरी तरह से सचेत होकर रोगी का इलाज कर रहे थे और अन्य अंगों में शराब का बुरा असर न पड़ सके इसके लिए भी कई तरह के इंतजाम किए गए थे।

रोगी हो गया था बेहोश

जब शराब की इतनी मात्रा रोगी के पेट में डाली गई तो वह बेहोश हो गयी था। रोगी के पेट में शराब की मात्रा अधिक हो जाने के कारण मेथनॉल की मात्रा बढ़ी और मेथनॉल का ऑक्सीकरण फॉर्मल डिहाइड के रूप में हो गया था। फॉर्मल डिहाइड के ऑक्सीकरण में बदलने के बाद उसके शरीर में फार्मिक एसिड की मात्रा में इजाफा हुआ जिसके कारण वो बेहोश हो गयी। 

और भी है मामले

यह पहला मामला नहीं है, जब किसी रोगी की जान एक अजीबोगरीब तरीके से बचाई गई हो। ऐसे कई मामले देखे जा चुके हैं जहां रोगी की जान बचाने के लिए डॉक्टर वह तरीका बनाते हैं जो आम लोगों की जिंदगी के लिए खतरा है। गुयेन के लीवर तथा रक्त में मेथनॉल की मात्रा इतनी अधिक हो गई थी कि शराब के बिना उसकी जान नहीं बचाई जा सकती थी।

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