तो इसलिए इस ईरानी जहाज को किया गया गिरफ्तार, जानें यह बड़ी वजह…

अपना नाम ग्रेस-1 से बदलकर एड्रियन दरया-1 कर लेने वाले ईरानी जहाज, जिसे सीरिया को तेल ट्रांसपोर्ट करने के संदेह में जिब्राल्टर में हिरासत में लिया गया था, अब बंदरगाह से रवाना हो गया है. बीबीसी के मुताबिक, मरीन ट्रैकिंग में दिखाया गया है कि रविवार को मुक्त हुआ टैंकर भूमध्य सागर में पूर्व की ओर बढ़ रहा है और अपना गंत्वय ग्रीस का कलामाटा दर्शाया है.

जिब्राल्टर (ब्रिटिश क्षेत्र) सरकार द्वारा यह बताने के बाद कि जहाज यूरोपीय संघ प्रतिबंधों का उल्लंघन कर सीरिया जा रहा है, चालक दल के 29 सदस्यों वाले जहाज को चार जुलाई को ब्रिटिश नौसेनिकों की मदद से जब्त किया गया था. चालक दल में भारत, रूस, लातविया और फिलीपींस के सदस्य थे. 

जिब्राल्टर के अधिकारियों ने ईरान से आश्वासन मिलने के बाद वह सीरिया में अपने माल को नहीं भेजेगा, 15 अगस्त को एड्रियन दरिया -1 को मुक्त कर दिया.

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अगले दिन, अमेरिकी न्याय विभाग ने जहाज को इस आधार पर हिरासत में रखनका अनुरोध दायर किया कि उसके ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) से संबंध हैं, जिसे उसने एक आतंकवादी समूह नामित किया है.

बीबीसी के मुताबिक, जिब्राल्टर ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह अनुरोध का अनुपालन नहीं कर सकता क्योंकि आईआरजीसी को यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नहीं देखा गया है, वर्तमान में ब्रिटिश क्षेत्र जिसका हिस्सा है. 

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