इमरान ने दी बड़ी धमकी, देखिए…किसको ठहरा रहे जिम्‍मेदार: पाक

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सोते-जगते जिस नाम की धुन सवार रहती है वो हैं पीएम मोदी। अपनी हर सभा में या अपनी किसी भी प्रेस कांफ्रेंस में वह पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करना नहीं भूलते हैं। हर चीज के लिए पीएम मोदी को कोसना इमरान खान की फितरत में शामिल हो चुका है। अपने यहां पर आतंकियों को पनाह देने वाले देश के प्रधानमंत्री फिलहाल क्षेत्रीय शांति को लेकर चिंतित होने का दिखावा कर रहे हैं और इसके लिए भी वह भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराने में लगे हैं।

दरअसल, 13-14 नवंबर को इस्‍लामाबाद में इस्‍लामाबाद पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट (IPRI) ने मर्गला डॉयलॉग 2019 (Margalla Dialogue 2019) का आयोजन किया था। इस बार इसका विषय था दक्षिण–मध्‍य और सेंट्रल एशिया में विकास और  शांति। इसके समापन के दौरान उन्‍होंने कहा कि आपस में लड़ने से अच्‍छा है कि हम सभी एकजुट होकर गरीबी, भुखमरी, क्‍लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई लड़ें। इस दौरान उन्‍होंने ईरान-सऊदी अरब और ईरान-अमेरिकी तनाव का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्‍तान किसी भी देश के साथ युद्ध करने का पैरोकार नहीं है। यहीं पर उन्‍होंने भारत का भी जिक्र किया। उन्‍होंने पूरी दुनिया को चेताते हुए यहां तक कहा कि भारत की वजह से इस क्षेत्र की शांति और विकास गंभीर समस्‍या बना हुआ है। वह यहीं पर नहीं रुके। उन्‍होंने आगे कहा कि पूरी वैश्विक बिरादरी को आकर इसके लिए कदम उठाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो ये पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा होगा जिससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी।

आपको यहां पर याद दिलाना जरूरी हो जाता है कि इमरान खान ने जब से पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री पद को ग्रहण किया है तब से लेकर अब तक उनकी भाषा में काफी बदलाव आ चुका है। जब वह पीएम बने थे तो उन्‍होंने भारत की तरफ दोस्‍ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा था कि यदि भारत एक कदम आगे बढ़ता है तो वह दो कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इसके बाद पुलवामा हमले पर अपनी सफाई देते हुए इमरान ने सीधेतौर पर भारत को धमकी दी कि यदि उसने कार्रवाई की तो वह भी जवाबी हमला करने से नहीं चूकेगा।

जम्‍मू कश्‍मीर को दो भागों में बांटने के भारत के फैसले के बाद तो वह वैश्विक मंच पर भी भारत और पूरी दुनिया को धमकी देने से नहीं चूके। संयुक्‍त राष्‍ट्र में दिए भाषण में भी उन्‍होंने भारत पर कई तरह के आरोप लगाए और परमाणु हमले तक की धमकी तक दे डाली। इतना ही नहीं उन्‍होंने उस वक्‍त भी कहा कि इससे पूरी दुनिया प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगी। उनके भाषण में सीधेतौर पर दुनिया को धमकी दी गई थी कि यदि उनकी बात नहीं मानी तो इसका खामियाजा सभी को भुगतना होगा। इस भाषण से पहले उन्‍होंने अलजजीरा और रशिया टूडे को दिए इंटरव्‍यू में भी यही बात कही थी।

जम्‍मू कश्‍मीर पर भारत के फैसले के बाद वह जिस देश में गए वहां पर कश्‍मीर को लेकर भारत पर मनघड़ंत और बेबुनियाद आरोप लगाए। लेकिन, इसके बाद भी पूरी दुनिया में तुर्की और मलेशिया के अलावा उनकी किसी ने नहीं सुनी। खुद पाकिस्‍तान के नेता इस बात को कहकर उनकी हंसी उड़ाते हैं कि कश्‍मीर के मुद्दे पर हर जगह इमरान को मुंह की खानी पड़ी है और इस मुद्दे पर पाकिस्‍तान को शर्मसार होना पड़ा है।

जहां तक इमरान के बयान की बात है तो उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत कट्टरवादी ताकतों के हाथों में खेल रहा है। हर कोई जानता है कि भारत किस तरफ जा रहा है। उनका कहना था भारत तबाही की तरफ बढ़ रहा है और इसका खामियाजा उसको भुगतना होगा। कश्‍‍‍‍‍मीर का राग अलापते हुए इमरान ने ये भी कहा कि वहां पर बीते सौ दिनों से ज्‍यादा से कर्फ्यू लगा हुआ है। बेहद अफसोस की बात है कि कश्‍मीर और कश्‍मीरियों का दर्द बांटने का नाटक करने वाले इमरान खान को कभी बलूचों का दर्द नजर नहीं आया।

इमरान की इस तरह की बयानबाजी पर सोशल मीडिया में उन्‍हें काफी खरी-खोटी भी सुनाई जा रही है। आपको बता दें कि जब कुछ दिन पहले भारत की सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या मामले में अपना फैसला सुनाया था तब भी इमरान खान ने अपने घडि़याली आंसू बहाए थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर इमरान से यहां तक गया कि जब पाकिस्‍तान में अहमदिया मस्जिद को गिरा दिया गया तब वो कहां थे और आज तक जो सलूक इन लोगों के साथ होता आया है उसके लिए कौन जिम्‍मेदार है।

इमरान खान की तरफ से ये बयानबाजी उस वक्‍त की जा रही है जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। 2015 के इस वीडियो में वह आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्‍तान का नायक बताते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में वह ये भी स्‍वीकार करते दिखाई दे रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय जवानों से लड़ने के लिए मुजाहिदीनों के रूप में कश्मीरियों को पाक में प्रशिक्षित किया था। इससे पहले एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने माना था कि पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी संगठनों का इस्‍तेमाल उन्‍होंने अपने कार्यकाल में हमले के लिए किया है। उनका यहां तक कहना था कि ऐसा पूर्व की सरकारें भी करती आई हैं।

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