‘इन तीन खिलाड़ियों में है टीम इंडिया में वापसी का दम, कोहली का ये हैं रुख

यह देखना रोचक होगा कि सीरीज के बाकी बचे दो वनडे मैचों में भारत अपनी टीम में क्या बदलाव करता है। सीरीज जीतने के बाद अब कुछ प्रयोग करने की गुंजाइश है, लेकिन हमेशा की तरह टीम का संतुलन बनाए रखना सबसे अहम होगा। सिर्फ प्रयोग के लिए प्रयोग करने का कोई तुक नहीं है। 

'इन तीन खिलाड़ियों में है टीम इंडिया में वापसी का दम, कोहली का ये हैं रुख

कोई भी टीम सिर्फ रिजर्व खिलाड़ियों को मौका देने की वजह से जीत की लय खोना नहीं चाहेगी। पहले तीन मैचों में जो चार खिलाड़ी बाहर बैठे हैं, उनमें से दो यह साबित करना चाहेंगे कि वे एकादश में शामिल होने के योग्य हैं। सिर्फ प्रयोग की बात नहीं है बल्कि इनमें से एक खिलाड़ी ने खुद को साबित किया है। बल्लेबाजी क्रम में आगे-पीछे होने की वजह से एक कदम पीछे रह गया। 

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मनीष और कुलदीप भारत के दो बेहद प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। युवाओं के बाहर बैठे रहने से यह संकेत मिलता है कि यह भारतीय टीम कितनी मजबूत है। कम मौकों के बावजूद भी इन्होंने खुद को साबित किया है।

अजिंक्य रहाणे ने भी खुद को साबित किया है, लेकिन वह सिर्फ इसलिए बाहर हैं क्योंकि यह माना जाने लगा है कि वह रनों की गति को बढ़ाने में सक्षम नहीं है। यह एक गलत धारणा है, क्योंकि वह भले ही लंबे छक्के न लगाते हों पर उनके चिप शॉट और करारे स्ट्रोक स्कोर को आगे बढ़ाते रहते हैं। 

भारतीय टीम की पॉलिसी है कि उन खिलाड़ियों को वापसी का मौका दिया जाए जो चोट से बाहर हो गए थे। यह सही भी है कि पहले आप उनको मौका दीजिए जिन्होंने पूर्व में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन जब वे टीम में लौटें तो उन्हें अपनी पुरानी जगह पर लौटना चाहिए। हालांकि यह कहना आसान होता है और टीम में हमेशा ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो दूसरों के बराबर होते हैं। इस वजह से वेस्टइंडीज में खेली गई वनडे सीरीज में अच्छा करने के बावजूद रहाणे बाहर हो गए। 

आप भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान के प्रति इसी ईमानदारी की उम्मीद कर सकते हैं। वेस्टइंडीज सीरीज तक वह सीमित ओवरों के उपकप्तान भी थे। 

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