पहले मुकाबले में टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह बिखरती चली गई. ऐसा है बेंगलुरु का इतिहास!

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में भारत को हार ही नहीं, बल्कि बुरी तरह शिकस्त का सामना करना पड़ा. यह हार इतनी करारी थी कि एक ही हार से पिच और भारत की रणनीति पर सवाल उठने शुरू हो गए. इस सीरीज के बाकी तीन मैच बेंगलुरु, रांची और धर्मशाला में खेले जाने हैं और निश्चित तौर पर अब भारतीय प्रबंधन को सीरीज जीतने के लिए ऐसी रणनीति बनानी होगी जो कंगारुओं को हैरान कर सकें.आसान नहीं होगी विराट सेना की हार, ऐसा है बेंगलुरु का इतिहास!

चिन्नास्वामी का खराब रिकॉर्ड

अगर आकड़ों को देखें तो टीम इंडिया का बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. साल 1998 से 2008 के आकड़ों को देखा जाए तो भारत ने इन 10 सालों में बेंगलुरु पिच पर एक भी मैच नहीं जीता. 1998 से 2008 के बीच खेले गए 7 मैचों में 4 हारे तो 3 बेनतीजा रहे.

ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा रहा है भारी

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय टीम का कंगारुओं के साथ अब तक पांच बार आमना-सामना हो चुका है. इन पांचों टेस्ट मैचों में भारतीय टीम को सिर्फ एक मैच में ही जीत मिली थी. ऑस्ट्रेलिया की टीम यहां भारत को दो टेस्ट मैचों में हरा चुकी है और दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे.

कमजोरी से पाना होगा पार

पहले मुकाबले में टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह बिखरती चली गई. भारत की ओर से लोकेश राहुल (पहली पारी में 64) ने अर्धशतकीय पारी खेली और वो एकलौते बल्लेबाज हैं जो अर्धशतक तक पहुंचे. बेंगलुरु में कोहली भी विराट पारी खेलना चाहेंगे तो वहीं उन्हें अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा को लेकर भी थोड़ी चिंता होगी जो पहले मैच की दोनों पारियों में विफल रहे. कुल मिलाकर भारतीय टीम को इस अहम मैच में बड़ा स्कोर खड़ा करना होगा.

गेंदबाज़ों से होगी अच्छे प्रदर्शन की आस

पुणे मैच में टीम इंडिया के अहम गेंदबाज आर.अश्विन और रवींद्र जडेजा दोनों ही पिच का फायदा उठाने में नाकाम रहे. वहीं ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज उसी पिच पर विकेट लेने में सफल हुए थे. आकड़ों को देखा जाए तो अश्विन और जडेजा दोनों गेंदबाजों का बेंगलुरु में रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा. आर.अश्विन ने 2012 से 2015 के बीच बेंगलुरु में सिर्फ दो मैच खेले हैं. इन दो मैचों में उन्होंने 221 रन देकर 10 विकेट झटके. वहीं रवींद्र जडेजा ने एक मैच में 50 रन देकर 4 विकेट लिए. बेंगलुरु टेस्ट के लिए भी उनसे वही उम्मीद होगी, लेकिन वहां की पिच स्पिनर्स नहीं बल्कि तेज गेंदबाजी के लिए मददगार मानी जाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button