बड़ी ख़बर : अपने ही केस की फाइल खोले आदित्यनाथ योगी, कहा अब…
बताते चलें कि 26 जनवरी 2007 को गोरखपुर में एक महिला से छेड़छाड़ के बाद वहां सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह मुहर्रम की जुलूस का फायदा उठाकर भाग गए।
इसी जुलूस में फायरिंग हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हुए। इसके बाद दो गुटों में हिंसा हुई। 26 सितंबर 2008 को हाईकोर्ट के दखल के बाद इस केस में एफआईआर दर्ज हुई। इसमें योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और बीजेपी राज्यसभा सांसद शिवप्रताप शुक्ला भी आरोपी हैं।
एफआईआर के मुताबिक, आदित्यनाथ ने सभा के दौरान भड़काऊ भाषण दिए थे। इसमें उन्होंने अपने संगठन हिंदू युवा वाहिनी से मौत के बदले की बात कही थी। इसी केस में पुलिस ने चार्जशीट दायर करने की आधिकारिक अनुमती मांगी है।
वहीं, इस मामले में दूसरे पक्ष के परवेज जो की पत्रकार भी रह चुके हैं का दावा है कि उनके पास आदित्यनाथ के कथित भड़काऊ भाषण का वीडियो फुटेज भी है।