अवमानना मामले में अनिल अंबानी दोषी करार, एरिक्‍सन को देने होंगे 453 करोड़ रुपये

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी को दोषी करार दिया है. एरिक्‍सन (Ericsson) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अंबानी को चार सप्‍ताह के भीतर एरिक्‍सन को 453 करोड़ रुपये देने होंगे. यदि तय समय में य‍ह राशि नहीं दी गई तो उसके बाद तीन महीने की जेल हो सकती है.अवमानना मामले में अनिल अंबानी दोषी करार, एरिक्‍सन को देने होंगे 453 करोड़ रुपये

उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) के चेयरमैन अनिल अंबानी एरिक्सन इंडिया की तरफ से दायर की गई अदालत की अवमानना संबंधी याचिका के मामले में 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. एरिक्सन का आरोप है कि आरकॉम ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) को अपनी संपत्ति बेचने के बावजूद भी अब तक उसका 550 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 23 अक्टूबर को दिए गए आदेश में रिलायंस कम्युनिकेशंस को एरिक्सन इंडिया का बकाया 15 दिसंबर तक क्लीयर करने के लिए कहा था. साथ ही देरी से हुए भुगतान पर 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देने की भी बात कही थी.

हिरासत में रखने की भी मांग की थी
रिलायंस की तरफ से तय तिथि पर भुगतान नहीं किए जाने पर एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ‘न्यायालय के ध्यान में लाया जा रहा है कि प्रतिवादी ने आदेश के मुताबिक 550 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है.’ एरिक्सन की तरफ से दी गई याचिका में अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के साथ ही उन्हें बकाया भुगतान करने तक सिविल जेल में हिरासत में रखने की भी मांग की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा हुए थे 131 करोड़
कंपनी ने कहा था कि आरकॉम ने संपत्तियों की बिक्री की लेकिन मिली रकम से बकाये का भुगतान नहीं किया और उसे गलत तरीके से अपने पास रख लिया. कंपनी ने अनिल अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की चेयरपर्सन छाया विरानी के देश छोड़ने पर रोक लगाने की भी गृह मंत्रालय से मांग की थी. जनवरी की शुरुआत में आरकॉम ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 131 करोड़ रुपये जमा किए थे. हालांकि, एरिक्सन की तरफ से यह राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया था और कहा गया था कि 550 करोड़ रुपये की पूरी बकाया राशि जमा की जानी चाहिए. इस पर पीठ ने आरकॉम को रजिस्ट्री में इस राशि का डिमांड ड्राफ्ट जमा कराने का निर्देश दिया था.

 

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