अलग हुआ तो सपा-गठबंधन से मिलकर भी लड़ सकते हैं चुनाव: ओमप्रकाश राजभर

भाजपा के साथ गठबंधन में बने रहने को दी गई समय सीमा के नजदीक आने केसाथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और अपना दल (एस) ने भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।अलग हुआ तो सपा-गठबंधन से मिलकर भी लड़ सकते हैं चुनाव: ओमप्रकाश राजभर

एक ओर सुभासपा के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने फिर कहा है कि अगर 24 फरवरी तक सरकार ने पिछड़ों के आरक्षण का बंटवारा नहीं करती है तो वह गठबंधन से अलग हो जाएंगे और जरूरी हुआ तो सपा-बसपा के साथ मिलकर भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। ओमप्रकाश ने सरकार पर फोन टेप कराने का गंभीर आरोप लगाया है।

वहीं दूसरी ओर अपना दल की संरक्षक व केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल भी भी भाजपा को 20 फरवरी तक का समय दिया है। हालांकि उन्होंने अपना पत्ता नहीं खोला है कि अगर गठबंधन से अलग होंगी तो किसके साथ जाएंगी।

अब तक सपा-बसपा से किसी तरह का तालमेल न करने का दावा करने वाले ओमप्रकाश राजभर के अलावा उनके पुत्र और पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने पहली बार कहा है कि उनके लिए तमाम विकल्प खुला है और जरूरी होने पर सपा-बसप गठबंधन से मिलकर भी चुनाव लड़ सकते हैं।

ओमप्रकाश ने कहा कि हम तो अंतिम समय (24 फरवरी) तक अपना वादा निभाएंगे, लेकिन भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के छह महीने पहले पिछड़ों के आरक्षण का बंटवारा करने का वादा पूरा नहीं किया। ऐसे में अब वह भी अंतिम फैसला लेने को मजबूर हैं।

ओमप्रकाश ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि उनका मकदस सिर्फ पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में बंटवारे के लिए सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू कराना है। वादा करने के बाद भी भाजपा ने इसे अभी तक लागू नहीं किया है। इस मुद्दे पर वह भाजपा के फैसले के बाद ही वह एनडीए छोड़ेंगे। इसके बाद वह प्रदेश की सभी 80 सीटों से प्रत्याशी उतारेंगे या अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे।

मेरे गुरू के घर गई थी आईबी की टीम
प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मेरा फोन टेप कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे अलावा परिवार के सदस्यों और चपरासियों तक के भी फोन टेप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह मुख्यमंत्री से भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं, फिर भी उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल में ही वाराणसी स्थित उनके गुरूजी के यहां आईबी की टीम गई थी और पूछा था कि राजभर से आप इतनी देर तक क्या बात करते हैं। उन्होंने आईबी अधिकारियों पर गुरू को परेशान करने का भी आरोप लगाया है।

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