अभी-अभी: बीजेपी के इस नेता ने दिया विवादित बयान, कहा- हम खुद खाते हैं बीफ, बैन का कोई सवाल ही नहीं

नई दिल्ली। एक तरफ मोदी सरकार गो ह्त्या और बूचड़खानों को लेकर बेहद गंभीर है वहीँ मेघालय में बीजेपी के एक नेता ने हैरान कर देने वाला बयान दिया है। बीजेपी नेता बर्नार्ड मराक ने ऐलान किया कि अगर उनकी पार्टी राज्य की सत्ता में आती है तो मीट के दाम घटाए जाएंगे, इसमें बीफ भी शामिल है। दरअसल, मेघालय में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मराक का यह भी कहना था कि मेघालय में ज्यादातर बीजेपी नेता बीफ खाते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेघालय में पार्टी के ज्यादातर नेता बीफ खाते हैं और केंद्र सरकार इसकी खपत पर पाबंदी नहीं लगा सकती है। मेघालय जैसे राज्य में बीफ पर पाबंदी लगाने का सवाल ही नहीं उठता। खास तौर पर गारो हिल्स में।’

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मराक ने बताया कि मेघालय बीजेपी के नेता इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पहाड़ी इलाकों के संवैधानिक प्रावधानों से भलीभांति वाकिफ हैं और राज्य में बीफ पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। मराक ने आश्वस्त किया कि राज्य के लोगों को बीफ बैन के मसले पर डरने या अन्य राजनीतिक पार्टियों से प्रेरित होने की जरूरत नहीं है।

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इस बीच, मणिपुर में कांग्रेस ने मवेशियों को मारने के लिए इसकी बिक्री पर पाबंदी के फैसले को देश के अल्पसंख्यक मुस्लिम और आदिवासी समुदाय के खिलाफ बताया। वबागाई से विधायक मोहम्मद फजुर रहीम ने बताया कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं, जिनकी संस्कृति और परंपराएं अलग-अलग हैं। हालांकि, बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के इस फैसले से धर्मनिरेपक्षता पर दाग लगा है। उनके मुताबिक, यह फैसला किसी एक खास समुदाय के पक्ष में लादा गया है, जबकि कुछ अन्य समुदाय की भावनाओं को दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हरकत तानाशाही कार्रवाई है।

नगालैंड में कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इस कदम का मकसद कानून की आड़ में बूचड़खानों के लिए मवेशियों की बिक्री पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाना है, जो उनके सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे की बेशर्म नुमाइश है। यह नगा लोगों को मंजूर नहीं होगा।

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