अब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य!

नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची जारी होने वाली है। लेकिन उससे पहले ही बसपा से आये कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज हो गए हैं। अपनों को टिकट की मांग को लेकर मौर्य की नाराजगी बीजेपी के लिए मुसीबत बन गई है। हालांकि, कई बार बैठक और बातचीत के बाद कुछ तय नहीं हो सका है। फिलहाल, बीजेपी विरोधी भी इस नाराजगी को हवा देने में लग गए हैं क्योंकि टिकट घोषित होते ही बीजेपी का नाराज तबका मौर्य के साथ सुर में सुर मिला सकता है। ऐसे में पार्टी विथ डिफरेंस के लिए इस नई मुश्किल से पार पाना भी आसान नहीं होगा।

यूपी और उत्तराखंड के लिए ‘बीजेपी’ आज घोषित करेगी 200 उम्मीदवारों की कैेंडिडेट लिस्टअब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य !

स्वामी प्रसाद मौर्य की पहचान पूर्वांचल में एक कद्दावर नेता के रूप में है

सूत्रों के मुताबिक मौर्य पिछले चार दिनों से अमित शाह से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया है। खबर है कि वह अपने बेटे और बेटी सहित 30 लोगों को टिकट दिलाना चाहते हैं। लेकिन टिकट तो दूर की बात है बीजेपी के बड़े नेता मौर्य से मिल तक नहीं रहे हैं। ऐसे में उनकी नजदीकियां कांग्रेस के साथ बढ़ रही हैं। खबर है अगर मौर्य को टिकट नहीं दिए गए तो वह बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। 

बता दें कि नीली झंडी को छोड़ भगवा रंग में रंगे पूर्व मंत्री व नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य की पहचान पूर्वांचल में एक कद्दावर नेता के रूप में है। गोरखपुर-बस्ती मंडल सहित पूर्वांचल की दो दर्जन से अधिक सीटों पर मौर्या का प्रभाव है। पिछड़ों और अतिपिछड़ों को बसपा से जोड़ने में स्वामी प्रसाद मौर्य का काफी योगदान रहा है। बसपा छोड़ने पर पूरे प्रदेश से बसपा के सैकड़ों जनाधार वाले नेताओं और दर्जनों जनप्रतिनिधियों को भाजपा में शामिल कराने में स्वामी प्रसाद का अहम योगदान रहा है।

सूत्र बताते हैं कि स्वामी जब भाजपा में शामिल हुए थे तो शीर्ष नेतृत्व ने भी उनके लोगों का ख्याल रखने का वादा किया था। लेकिन टिकट बंटवारे में उनको मनमाफिक सीटें नहीं मिल रही। भाजपा सूत्रों की मानें तो स्वामी प्रसाद मौर्य पूरे प्रदेश में 30 सीट अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए मांग रहे। इसमें गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब आधा दर्जन सीटें शामिल हैं। जबकि शीर्ष नेतृत्व उनको कम सीटें दे रहा। बसपा छोड़कर आए अपने लोगों को टिकट मिलने की हरीझण्डी नहीं मिलने से वह अचानक से पार्टी से नाराज हो गए हैं। वह हरहाल में साथ आए साथियों को टिकट दिलाने पर अड़े हैं। हालांकि, अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मौर्या को कितनी सीट दी जा रही। उनको मनाने के लिए कई दौर में बातचीत हो चुकी है।

(Note – इस खबर में कितनी सच्चाई है इसकी जिम्मेदारी www.ujjawalprabhat.com नहीं लेता, ये खबर हमने puridunia.com वेबसाइट से ली है)

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