अनुराग मर्डर मिस्ट्री: मैडम, मॉर्निंग और मोबाइल खोलेंगे राज, अब पुलिस नहीं करेगी जांच

उज्जवल प्रभात डेस्क, लखनऊ । सोमवार को अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी अपनी मां और परिवार केअन्य सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री से लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में मिले। परिवारीजन को योगी से मिलवाने की पहल भाजपा के प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश ने की थी। पढ़ाई के दौरान अनुराग कालेज में सुभाष यदुवंश के जूनियर थे। पूरा मामला मैडम, मॉर्निंग और मोबाइल पर आकर टिक गया है।

अनुराग मर्डर मिस्ट्री

इस दौरान मयंक ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके भाई की मौत सामान्य नहीं है। उनकी हत्या की गई है। उनके भाई के मोबाइल का लॉक तोड़ा गया था। न्याय की गुहार लगाते हुए उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग रखी। इस दरम्यान मुख्यमंत्री ने फोरेंसिक टीम से पूरे प्रकरण की जानकारी हासिल की।

फिर उन्होंने पीडि़त परिवार को भरोसा दिया कि वह उचित कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री के पास करीब 20 मिनट तक रहे इस परिवार ने अनुराग तिवारी से जुड़ी कई बातें बताई। अनुराग ने परिवार से दो माह पहले ही अपनी जान को खतरा बताया था। 2007 बैच के आइएएस को दर्जन भर बार तबादला झेलना पड़ा। भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करना उन्हें महंगा पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी संवेदना परिवार के साथ है। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय अफसरों के साथ विमर्श कर सीबीआई जांच की संस्तुति का निर्णय किया।

प्रमुख सचिव (गृह) और डीजीपी ने पत्रकारों को बताया कि अनुराग तिवारी की मौत के मामले में लखनऊ में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। जांच के लिए केंद्र सरकार को जल्द प्रोफार्मा भेजा जाएगा। सीबीआई जांच के आदेश के बाद पुलिस अब पूरे मामले में जांच बंद कर देगी। इसकी जांच नए सिरे से सीबीआई ही करेगी।

आइएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में हुई मौत मामले में सोमवार को परिवारीजन ने हजरतगंज कोतवाली में हत्या की एफआइआर दर्ज कराई। अनुराग के भाई मयंक तिवारी की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में किसी को नामजद नहीं किया गया है।
बहराइच से आए आइएएस अनुराग के भाई मयंक, भाभी सुधा व मां सुशीला देवी ने सोमवार सुबह पहले एनेक्सी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद एसएसपी दीपक कुमार के आवास पहुंचे। फिर हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी, जिसमें उन्होंने कहा है कि अनुराग देर से सोकर उठते थे और वह कभी मार्निंग वॉक पर नहीं जाते थे। वह एक ईमानदार अधिकारी थे। वर्तमान में वह कर्नाटक में कमिश्नर फूड एंड सिविल सप्लाई के पद पर तैनात थे।

उन्होंने बताया था कि वह कुछ फाइलें देख रहे हैं, जिनसे कर्नाटक में कई बड़े घोटालों से पर्दा उठ सकता है। उन पर कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला जा रहा था। इस वजह से वह कुछ माह से दबाव में थे। दो माह पूर्व अनुराग ने उनकी जान को खतरा होने की बात भी कही थी। इसलिए 17 मई को संदिग्ध हालात में हुई अनुराग तिवारी की मौत के मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज की जाए। एसएसपी के मुताबिक जांच के लिए गठित की गई एसआइटी ही उनकी हत्या के मुकदमे की भी जांच करेगी। अब विसरा की जांच केंद्रीय फोरेंसिक लैब से कराई जाएगी।

मयंक ने कहा कि चूंकि यह दो राज्यों से जुड़ा मामला है, लिहाजा इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उनके भाई मयंक की हत्या के पीछे बड़ों का हाथ है। हत्या का चैनल कर्नाटक से ही होगा लेकिन, उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।

यह है मामला
कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) का 17 मई को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उनका शव 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर राज्य अतिथि गृह से करीब 50 मीटर दूर बीच सड़क औंधे मुंह पड़ा मिला था। मूलरूप बहराइच निवासी अनुराग मसूरी से मिड-टर्म ट्रेनिंग के बाद लखनऊ आये थे और यहां राज्य अतिथि गृह के कमरा नंबर 19 में अपने बैचमेट एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के साथ ठहरे थे। मामले की जांच सीओ हजरतगंज अवनीश मिश्रा के नेतृत्व में गठित एसआइटी कर रही है।

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