अगर आपके जीवन में भी घट रही हैं ऐसी घटनाएं तो हो सकता है कालसर्प दोष

अगर काफी मेहनत के बाद भी आपको अपने कामों का उचित परिणाम नहीं मिलता, दूसरों की भलाई करने के बाद भी बदले में केवल बुराई ही मिलती है, आपके अपने भी वक्त आने पर आपसे कन्नी काट लेते हैं तो सब आपकी गलती नहीं बल्कि आपकी कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष का परिणाम भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि जब कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो किस तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और इस दोष के निवारण के उपाय क्या हैं…अगर आपके जीवन में भी घट रही हैं ऐसी घटनाएं तो हो सकता है कालसर्प दोष

मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता
आप जीतोड़ मेहनत करते हैं लेकिन आपकी मेहनत का पूरा फल आपको नहीं प्राप्त होता। आप पूरी तरह सोच-समझकर कार्य करते हैं, निवेश से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान देते हैं, बावजूद इसकेआपको नुकसान उठाना पड़ता है।

अपने साथ छोड़ देते हैं
वो लोग जिन्हें आप अपना समझते हैं और उनके साथ बुरे वक्त में खड़े रहते हैं और हर संभव मदद करते हैं, आपकी जरूरत के वक्त पर वही लोग आपको अकेला छोड़ देते हैं।

बिना गलती के सजा मिलना
बिना किसी गलती के दोषी ठहराया जाना या किसी और की गलती की सजा आपको मिलना और ऐसा बार-बार होना। आपकी मेहनत और अच्छे कार्यों का यश किसी दूसरे को मिलना। सफलता मिलते-मिलते रह जाना।

शादी और परिवार की दिक्कतें
शादी नहीं होना, शादी में दिक्कतें आना या शादी होने के बाद भी दांपत्य जीवन में बिखराव और दिक्कतें होना। बच्चे नहीं होना या बच्चों का लगातार स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझना। तथा आपकी सेहत भी लगातार या बार-बार खराब होना।

डरावने सपने और मृत परिजन की मांग
डरावने सपने आना और सपने में नाग-नागिन,खुद का पानी में डूबना, बारात दिखना,खुद को रोते हुए देखना, किसी विधवा महिला को रोते हुए देखना, खुद को अपाहिज देखना या मरे हुए परिजन द्वारा कुछ मांगा जाना।

शांति के लिए करें यह उपाय
चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर, विधि पूर्वक पूजा के बाद जल में प्रवाहित कर दें। या फिर किसी सपेरे को पैसे देकर उसके द्वारा पकड़ा गया नाग-नागिन का जोड़ा जंगल में स्वतंत्र करा दें।

गोमूत्र का यह उपयोग भी
हर रोज गोमूत्र से दांत साफ करें। या फिर अपने वजन के बराबर कोयला पानी में प्रवाहित कर दें।

शिवलिंग पर धातु का नाग
किसी मंदिर के शिवलिंग पर जहां नाग न हो वहां पूजा-प्रतिष्ठा कराकर शिवलिंग पर नाग लगवाएं।

शिव को अर्पित करें इत्र
भगवान शिव को चंदन का इत्र अर्पित करें। तथा खुद भी चंदन का इत्र रोज लगाएं।

नारियल और नाग-नागिन
नारियल पर नाग-नागिन का जोड़ा बनवाएं, इस नारियल पर मौली लपेटें और फिर इसे जल में प्रवाहित कर दें।

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