अखिलेश माया की नई दोस्ती पर चाचा शिवपाल बोले- अभी महागठबंधन अधूरा

मिशन 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच दोस्ती पर शनिवार को मोहर लगा दी गई। हालांकि, इस महागठबंधन को शिवपाल यादव ने अधूरा बताया है।

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है। हालांकि, इस ‘दोस्ती’ में संभावनाएं तलाश रहे यूपी के कद्दावर नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को शामिल नहीं किया गया है। एसपी-बीएसपी के बीच 38-38 सीटों के बंटवारे पर शिवपाल का कहना है कि उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपीएल) के बिना यह महागठबंधन अधूरा है।

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इतना ही नहीं, समाजवादी पार्टी में कद्दावर नेता माने जाने वाले शिवपाल यादव ने यह भी कहा, ‘उनकी पार्टी और सेकुलर पार्टियां ही बीजेपी को सत्ता से हटा सकती हैं।’ खनन मामले में सवाल किए जाने पर शिवपाल ने कहा, ‘जिसका भी नाम शामिल होगा, जांच में खुद-ब-खुद सामने आएगा लेकिन यह कार्रवाई जल्दी करानी चाहिए थी।’

वहीं, मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे अमर सिंह ने गठबंधन के सवाल पर कहा, ‘समाजवादी पार्टी के संस्थापक हमेशा मुलायम सिंहजी ही रहेंगे। हालांकि, इस नए कदम से मुलायम को दूर रखा गया है। बैनरों में मायावती, मुलायम और अखिलेश को एक साथ नहीं दिखाया गया है।

38-38 सीटों पर तय हुई बात
एसपी-बीएसपी के बीच लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हुए गठबंधन में 38-38 सीटों पर बात तय हुई है। इनके इतर सिर्फ दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं। साथ ही यह भी तय किया गया है कि रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा।

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