होली के त्योहार पर बारिश ने फेरा पानी, पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी

छोटी होली के त्योहार पर बारिश ने पानी फेर दिया। जहां एक ओर देहरादून में बुधवार के दिन की शुरुआत बारिश के साथ हुई तो वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। आज तड़के देहरादून व आसपास के इलाकों, नई टिहरी और यमुनोत्री के निचले इलाकों में बारिश हुई। इस बीच बारिश के साथ ठंडी हवाओं का दौर भी जारी रहा। वहीं यमुनोत्रीधाम के आसपास हिमपात शुरू हो गया। उधर, रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक मौसम साफ रहा और धूप खिली रही। मौसम में आए इस बदलाव से एक बार फिर तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

आज तेज आंधी और हल्की बारिश का अलर्ट
प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बुधवार को हल्की बारिश के आसार हैं। अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फ भी गिर सकती है। वहीं, मैदानी स्थानों में 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चल सकती है। 

21 और 22 मार्च को ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश की संभावना

मौसम केंद्र के अनुसार बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। कुछ इलाकों में बेहद हल्की बारिश हो सकती है। 3500 मीटर व उससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ गिरने का अनुमान भी है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के कुछ क्षेत्रों में तेज रफ्तार आंधी चलने के आसार हैं। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

साथ ही अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि होली तक प्रदेश में इसी तरह का मौसम बना रहेगा। 21 और 22 मार्च को भी ज्यादातर क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है। 

मुनस्यारी की ऊंची चोटियों पर हिमपात

मुनस्यारी (पिथौरागढ़) क्षेत्र की चोटियों पर हिमपात होने से निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। क्षेत्र में बारिश की संभावना बनी हुई है। इस बार क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हो गई है।

निचले इलाकों में जनवरी के पहले दिन से शुरू हुई बर्फबारी 17 मार्च तक रुक-रुक कर होती रही। मंगलवार को सुबह के समय मौसम खुला था। बाद में दोपहर में अचानक से बादल छा गए। पौने दो बजे के करीब हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली, नाग्निधुरा की चोटियों पर हिमपात हुआ। इधर, जिला मुख्यालय में मौसम सुहावना बना रहा।

बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी से लगभग 12 दुकानें क्षतिग्रस्त

बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी से लगभग 12 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बामणी और माणा गांव में भी बर्फ से कई मकान दब गए हैं। रड़ांग बैंड से धाम तक हाईवे पर करीब पांच फीट तक बर्फ जमी होने से व्यवसायी बद्रीनाथ धाम तक भी नहीं जा पा रहे हैं। वर्ष 2015 में भी धाम में भारी बर्फबारी से मकानों और अस्थायी दुकानों को भारी नुकसान हुआ था।
 
धाम में सात फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। यात्रा शुरू होते ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोग यहां छह माह तक व्यवसाय करते हैं। शीतकाल में व्यवसायी अपनी अस्थायी दुकानों को टीन की चादर और प्लास्टिक के तिरपाल से ढककर निचले क्षेत्रों को लौट जाते हैं। इस बार धाम में भारी बर्फबारी हुई है। अभी भी धाम में रुक-रुककर बर्फबारी का सिलसिला जारी है।

माणा गांव के प्रधान पंकज बड़वाल और पूर्व प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि माणा गांव अभी भी पूरी तरह से बर्फ के आगोश में है। गांव में कई मकानों को बर्फबारी से नुकसान हुआ है। बर्फ पिघलने के बाद ही नुकसान का सही आंकलन किया जा सकता है। इधर, जोशीमठ के एसडीएम वैभव गुप्ता का कहना है कि बद्रीनाथ धाम अभी भी बर्फ के आगोश में है, जिससे नुकसान का आंकलन नहीं किया जा सकता है। बीआरओ की टीम बद्रीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने में जुटी है। 

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