स्थायी कमीशन नहीं मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची 17 महिला अधिकारियों को नहीं मिली राहत

थल सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कट ऑफ डेट से बाहर होने की वजह से स्थायी कमीशन नहीं मिलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची 17 महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारियों के आवेदन को यह कहते हुए निपटाया कि अब यह संभव नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की वकील मीनाक्षी लेखी से कहा कि एक तरह से आप फैसले में संशोधन कि मांग कर रही हैं, जो अब संभव नहीं है. आप इस आवेदन को वापस ले लें. आप चाहें तो पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती हैं.

मार्च में इन महिला अधिकारियों के‌ 14 साल पूरे कर लिए और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने 16 जुलाई में स्थायी कमीशन को लागू किया. सरकार ने कहा कि अगर कट ऑफ डेट से समझौता करते रहे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी. बड़े पैमाने पर महिला अधिकारियों की लाइन लग जाएगी.
 

पिछले दिनों ही रक्षा मंत्रालय ने लगाई थी मुहर

पिछले दिनों ही भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी थी. शॉर्ट सर्विस कमिशन (SSC) की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी दस हिस्सों में स्थायी कमीशन की इजाजत दे दी गई है.

यानी अब आर्मी एअर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स में भी स्थायी कमीशन मिल पाएगा. इसके साथ-साथ जज एंड एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स में भी ये सुविधा मिलेगी

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