

सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी ने बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन एवं सर्जरी के कोर्स में यह बदलाव किया। नेशनल फेडरेशन ऑफ होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रटरी डॉ. सुरेश नांदल ने कोर्स में बदलाव की जानकारी दी।
डॉ. नांदल के मुताबिक नए कोर्स में कई मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं। साढ़े चार वर्षीय इस डिग्री के कोर्स का आखिरी वर्ष डेढ़ वर्ष का रखा गया है। अब तक डेढ़ वर्ष का यह प्रोफेशनल सत्र पहले रखा जाता था।
डॉ. नांदल के मुताबिक ऐसा करने से कोर्स न केवल सरल होगा बल्कि पढ़ाई का बोझ कम होने से ड्राप आउट विद्यार्थियों की संख्या भी कम होगी। देशभर में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 186 है।
इनमें हरियाणा में एकमात्र जेआर किसान होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रोहतक में है। जो कि पीजीआईएमएस हेल्थ यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड है। इसके अलावा दिल्ली में दो, पंजाब में छह, राजस्थान में सात और चंडीगढ़ में एक होम्योपैथी कॉलेज है।