सुरक्षा बलों का बड़ा प्रहार, कश्मीर में ढेर हुए 60 आतंकी

3 महीने में मार गए 60 आतंकी

पाकिस्तान परस्त आतंक के सफाए का अभियान कश्मीर घाटी में तेजी से चल रहा है. गुरुवार को भी कश्मीर में 2 बड़े ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों को शोपियां और हंदवाड़ा में मार गिराया गया है. सुरक्षा बल इस साल ऑपरेशन ऑल आउट में 60 आतंकियों को ढेर कर चुके हैं. मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे ज्यादा 22 आतंकी हैं.

इसके अलावा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के 15 और लश्कर-ए-तैयबा के 14 आतंकी मार गिराए गए हैं. गुरुवार को सीआरपीएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साझा ऑपरेशन में शोपियां में 3 और 2 हंदवाड़ा में ढेर हुए हैं.

3 महीने में मार गए 60 आतंकी

आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. इस साल मार्च तक 60 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 44 था. इससे पहले बांदीपोरा और शोपियां में 23 मार्च को भी सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 6 आतंकियों को मार गिराया था. मारे गए आतंकियों में दो पाकिस्तानी थे.

पिछले साल सुरक्षा बलों ने रिकॉर्ड 250 से अधिक आतंकी मारे थे और इस साल ये आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है. बता दें कि आतंकवाद फैलाने के लिए जिस तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कश्मीर घाटी में मौजूद अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं को फंडिंग करती है उस पर भी लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय लगाम लगा रही है.

एनआईए की जांच में जिन 11 लोगों के बारे में खुलासा हुआ है उनकी संपत्ति भी जब्त की जा रही है. हाल ही में गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी और JKLF पर भी प्रतिबंध लगाया है.

दरअसल जमात-ए-इस्लामी कश्मीर घाटी में आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट कराने के साथ-साथ आतंकियों कि मदद करने में लगा रहता था. इसपर प्रतिबंध के बाद अब जहां आतंकियों को मिलने वाली फंडिंग में कुछ कमी देखी जा रही है तो वहीं सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के बाद होने वाली पत्थरबाजी भी न के बराबर हो रही है.

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों और हुर्रियत नेताओं की कश्मीर घाटी में मौजूद प्रॉपर्टी को भी जब्त करने का अभियान शुरू कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक कश्मीर के 11 हुर्रियत नेताओं की प्रॉपर्टी को जब्त करने की प्रक्रिया अलग-अलग एजेंसियों ने शुरू कर दी है.

इन तमाम कदमों से केंद्र सरकार एक तरफ जहां ऑपरेशन ऑल आउट के जरिए आतंकवादियों का सफाया कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ आतंकवादियों के सरपरस्तों के ऊपर कार्रवाई कर उनको कमजोर किया जा रहा है.

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