सुरक्षा परिषद में भारत का प्रवेश रोकने के लिए चीन ने दी रिश्वत!

china-india-flag-1445581349संयुक्त राष्ट्र महासभा की सुरक्षा परिषद में भारत का प्रवेश रोकने के लिए चीन ने रिश्वत दी थी।सुनने में भले ही ये चौंकाने वाला लगे, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक़ संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व प्रेजिडेंट जॉन एशे की रिश्वत लेते गिरफ्तारी के बाद कुछ इसी तरह के सनसनीखेज़ खुलासे हो सकते हैं।  हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। 
 
दरअसल, भारत पहले ही इस बात का संदेह जाता चुका था कि सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया को लटकाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों को पैसे दिए जा रहे हैं । भारत के इस संदेह को अब जॉन ऐशे की गिरफ्तारी से और बल मिल रहा है।  
 
गौरतलब है कि जॉन एशे पर चीनियों से रिश्वत लेने का आरोप है। उन्हें इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी अटॉर्नी अधिकारी प्रीत भरारा ने चीनी कारोबारियों और अधिकारियों से 13 लाख डॉलर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। जॉन एशे को यह रकम मकाउ में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित कॉन्फ्रेंस सेंटर के समर्थन के लिए दी गई थी। 
 
प्रीत भरारा ने यह आरोप भी लगाया है कि चीन के नागरिकों ने जॉन एशे को ऐंटिगुआ में उनके कारोबार के लिए लाखों डॉलर दिए। हालंकि इस रिश्वत प्रकरण से जुड़ी बहुत कम बातें अभी सार्वजनिक हुई हैं। लेकिन इतना समझने के लिए यह काफी है कि चीन किस तरह से संयुक्त राष्ट्र के कामकाज को प्रभावित कर रहा है।  
 
भारत की दिलचस्पी इस दावे में ज्यादा है कि जॉन एशे को चीनी हितों के संरक्षण के लिए यह रकम दी गई थी। इसी के तहत भारत का यह मानना है कि इसका संबंध सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया से भी है। चीन शुरू से इस सुधार का विरोध करता रहा है। 
 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मैनहट्टन के अटॉर्नी प्रीत भरारा ने जॉन एशे की गिरफ्तारी के बाद कहा कि जांच के बाद और भी आरोप लगाए जा सकते हैं और अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में करप्शन का किस कदर दखल है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button